रायगढ़

निगम आयुक्त पर मनमानी का आरोप
19-Aug-2024 2:48 PM
निगम आयुक्त पर मनमानी का आरोप

शहर सरकार के कार्यों पर भाजपा का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं- कांग्रेस अध्यक्ष 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 19 अगस्त।
जिला कांग्रेस भवन रायगढ़ में कांग्रेस शहर अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने निगम महापौर, निगम सभापति व समस्त चुने हुए कांग्रेस के पार्षदगणों के साथ निगम आयुक्त की मनमानी निर्णय और अधोसंरचना मद के मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। जिसे जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल शुक्ला व वरिष्ठ निगम सदस्यों ने मीडिया के समक्ष अपनी बात रखी।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार के द्वारा नगर निगम में कांग्रेस पार्षदों के साथ दोहरा चरित्र और विकास कार्यों में कांग्रेस पार्षदों के वार्डो में भेद भाव किए जाने के दवाव के चलते निगम आयुक्त द्वारा सिर्फ और सिर्फ भाजपा वार्डों के विकास कार्य कराए जाने के निर्णय लिए जाने से बीजेपी शासन का दबाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। रायगढ़ निगम के 48 वार्डों में से 43 वार्ड रायगढ़ विधान सभा क्षेत्र के हैं जिसमें 23 वार्ड में काँग्रेस के पार्षद हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में लगभग 32000 मतदाताओं ने बीजेपी को वोट किया था। रायगढ़ नगर निगम के कांग्रेसी पार्षद के 26 वार्डों में प्रशासन के द्वारा अधोसंरचना मद से विकास कार्यों के लिए कोई राशि प्रदान नहीं की गई। 

अधोसंरचना मद से केवल भाजपा पार्षदों के वार्डों में लगभग 20 लाख रुपये प्रति वार्ड के हिसाब से लगभग 438.81 लाख के कार्य स्वीकृत किये गए है जबकि पूर्व में काँग्रेस शासन के समय राज्य शासन द्वारा विकास के लिए पहले 8 लाख रूपए सभी वार्डों में दिए गए एवं समय समय पर आवश्यकता अनुसार शासन के सब की सभी योजनाओं के लिए राजनीति से ऊपर उठकर शहर विकास हेतु सभी वार्डों में समान राशि दी गई। काँग्रेस कार्यकाल में शहर विकास हेतु पार्षद निधि 4 लाख से बड़ाकर 6 लाख कर दी गई थी, जो कि सभी दलों के लिए थी, किंतु उक्त राशि को भी को भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा षड्यंत्र कर उक्त पार्षद निधी एवं बढ़ी हुई राशि को आज पर्यन्त तक आवंटित नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि बीजेपी की विकास कार्यों में दखल देने वाली नीतियों के कारण ही वे जनता से भरोसा खोते जा रहे हैं। यह एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छी परंपरा नहीं है। सत्ता में बैठे लोगों को शहर सरकार के कार्यों में पक्षपात पूर्ण दखल नहीं देना चाहिए और सबके साथ समभाव रखकर कार्य करना चाहिए। इससे उनका ही भरोसा बढ़ेगा और वे जनता के बीच अपनी नियत और नीतियों को स्थापित कर पाएंगे। 

अनिल शुक्ला ने पत्रकारों के प्रश्नों का जवाब भी दिया उन्होंने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि आयुक्त दबाव में कार्य न करें क्योंकि उनका ओहदा पक्षपात और भेदभाव वाला होगा तो उन्हें जनता के सवालों से हमेशा घिरना पड़ेगा। हम कदापि नहीं चाहते कि उन्हें चुने हुए जनप्रतिनिधियों के अलावा जनता की अदालत का सामना करना पड़े।
 


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