रायगढ़

पहले से प्रदूषित तमनार क्षेत्र में नहीं रूक रहा उद्योगों का विस्तार
08-Feb-2024 3:25 PM
पहले से प्रदूषित तमनार क्षेत्र में नहीं रूक रहा उद्योगों का विस्तार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
रायगढ़, 8 फरवरी।
छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा प्रदूषित कहे जाने वाले तमनार क्षेत्र में भी उद्योगों का विस्तारीकरण जारी है।  पहले से बदसूरत आबो- हवा वाले तमनार के बजरमुड़ा में एक और फैक्ट्री शारदा एनर्जी एंड मिनिरल्स को विस्तार की अनुमति देने के लिए पूरा सिस्टम लग गया है, जिसकी जनसुनवाई 1 मार्च को रखी गई है।

इस उद्योग के विस्तार से बजरमुड़ा, ढोलनारा ही नहीं बल्कि पूरा तमनार कालिख के चपेट में आ जाएगा। आदिवासी क्षेत्र तमनार में जिस गति से शासन प्रशासन भारी उद्योगों की स्थापना व कोल माइंस को बढ़ावा दे रहा है, उससे आने वाले दिनों में यह क्षेत्र इंसानों के रहने लायक नहीं रह जाएगा।

वर्तमान में जो स्थिति जग जाहिर है कि यह क्षेत्र पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा प्रदूषण वाला क्षेत्र कहा जाता है जो खुद शासकीय रिपोर्ट में दर्ज है। जिस बुनियाद पर तमनार को औद्योगिक क्षेत्र बनाया गया था, वह बुनियाद कहीं नजर नहीं आता है। इन कोल कंपनियां व उद्योगों के सीएसआर और डीएमएफ के नाम पर जो फंड जारी किया जाता है वह इस क्षेत्र में कहीं नजर नहीं आता। बीते चार दशक में पूरा तमनार कोयला खनन और औद्योगिक विस्तार से खोखला हो गया है। बावजूद इसके शासन प्रशासन की दोहरी नीति और इस क्षेत्र को औद्योगिक डंप एरिया बनाने में अब तक जारी है। यहां पहले से बजरमुडा ढोलनारा में मेसर्स शारडा एनर्जी और मिनरल्स प्लांट स्थापित है।

प्लांट स्थापना के पहले जिन आदिवासियों से यह कहकर इस कंपनी ने जमीन ली थी कि वह उनके पुनरुत्थान, उनके रोजगार, उनके स्वास्थ्य आदि के लिए कार्य करेगा लेकिन प्लांट स्थापना के बाद अपनी कृषि जमीन खोकर लोग उसी प्लांट के मजदूर बन गए हैं। जो कोयला उठाने का काम कर रहे हैं। 

आज 10 साल बाद फिर इस फैक्ट्री के विस्तार की कार्यवाही शुरू की जा रही है। यह विस्तार इस बार 2 गुना से 10 गुना तक का रहेगा। 
लोग इसका विरोध कर रहे हैं वे नहीं चाहते कि और कोई प्लांट का विस्तार इस तमनार एरिया में हो, लेकिन लोगों के चाहने नहीं चाहने से शासन-प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।  


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