रायगढ़

मांगों को भाजपा घोषणा पत्र में शामिल करने का वादा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 14 अगस्त। राजधानी में लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत स्वास्थ्य कर्मियों के धरने में शामिल होकर भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने वादा करते हुए कहा आपकी मांगों का परिक्षण कर भाजपा घोषणा पत्र में न केवल शामिल किया जायेगा, बल्कि सरकार आने पर उन वादों को शत-प्रतिशत पूरा किया जाएगा। कांग्रेस सत्ता पाने के लिए झूठे वादे कर सकती है, लेकिन भाजपा की लिए सत्ता सेवा का जरिया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद सभी वर्ग के लोग अपनी मांगो को लेकर सडक़ में उतर कर आंदोलन कर करने के लिए विवश है। कांग्रेस की सरकार आने के बाद प्रदेश में विकास का पहिया थम सा गया है। आंदोलन से जुड़े स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी मांगो को लेकर बयाँग में मुलाकात कर धरने में शामिल होने का आग्रह किया था। इसलिए आज धरने में शामिल होने का जिक्र किया। स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल तोडऩे सरकार द्वारा तानाशाही रवैया अपनाए जाने पर भी ओपी ने आपत्ति जताते हुए स्वास्थ्य कर्मियों से साहस बनाए रखने की अपील की।
आंदोलन रत स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल बनाए रखने के लिए ओपी चौधरी ने अपने जीवन से जुड़े कठिन निर्णयों का भी जिक्र करते हुए कहा बचपन में पिता की मृत्यु के बाद 23 साल की उम्र में आईएएस की परीक्षा पास की। कलेक्टर की सेवा छोडऩे के दौरान 24 साल सुविधाओं की नौकरी शेष थी। सोने के इस सिंहासन की छोडऩे का उद्देश्य छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करना है। प्रदेश से झूठ भ्रष्टाचार छल प्रपंच को मिटाने के लिए उन्होंने राजनीति को जरिया बनाया है। सबसे बड़ी सेवा छत्तीशगढ़ महतारी की सेवा है। राजनीति के लिए बहुत से मंच है लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की वाजिब मांग का समर्थन भाजपा के लिए राजनैतिक विषय नहीं है।
भाजपा की ओर से विश्वास दिलाते हुए कहा घोषणा पत्र में आप लोगो की मांगों को ईमानदारी से शामिल किया जाएगा।
सत्ता पाने के लिए गौ गंगा का अपमान करने वाली कांग्रेस की तरह झूठा घोषणा पत्र बनाने की बजाय ऐसा संकल्प पत्र बनाया जाएगा जो छत्तीसगढ़ में विकास की दशा दिशा तय करेगा। बतौर नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह देव ने सरकार बनते ही दस दिन में आपकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था पांच साल हो गए आपसे कोई चर्चा करने नहीं आया बल्कि सरकार दमन कारी नीतियों से आपके लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाना चाहती है। सूबे के मुखिया भूपेश बघेल को पढ़े लिखे लोगों से दुराग्रह रखने वाला व्यक्ति निरूपित करते हुए कहा भूपेश बघेल शिक्षित लोगों से नफरत करते है। इसे सभी महसूस भी करते है।