रायगढ़

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 31 जुलाई। बरौद उपक्षेत्र बरघाट से लेकर मुकेश के होटल तक विभिन्न कोयला व्यापारियों के कार्यालय उपस्थित है जहां से सैकड़ों खाली व कोयला लदी वाहनों के कागजात बनाये जाते हैं, देखा जाता है कि वाहन चालकों द्वारा अपनी गाडिय़ों को सडक़ के दोनों किनारों पर जहां जगह दिखलाई देती है। गाडिय़ां खड़ी कर बिल्टी बनवाने आ जाते हैं और जब तक वह पुन: अपने ड्राइविंग सीट पर आकर फिर अपने वाहन को आगे न बढ़ाये तब तक जाम लगी रहती है।
बताया जाता है कि बिल्टी बनाने के बावजूद भी वाहन चालक बरघाट में ही अन्य कार्यों को निपटाने के चक्कर में गाड़ी खड़ी रखते हैं, जिससे लगे जाम में राहगीर व दुपहिये वाहन चालक तो किसी तरह निकल लेते हैं, फंस जाती है यात्री वाहने और चारपहिए वाली वाहनें।
आधा घण्टे या कभी कभी एक घंटों तक की जाम लगी रहती है। जाम हटाने के लिए ना तो एसईसीएल की और ना ही घरघोड़ा पुलिस की टीम रहती है। स्वयं प्रभावितों द्वारा बड़ी मशक्कत से जाम को खुलवाई जाती है। यह अनोखा मंजर यहां दिन में और रात में कभी भी देखी जा सकती है।
एसईसीएल कार्यालय में डस्ट का अंबार
बरघाट कालोनी में एसईसीएल का उपक्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय मुख्य राज्य मार्ग में एक दीवार के आड़ में है जहां पूरे कार्यालय में धूल का अंबार लगा रहता है, फिर भी उन्हें धूल दिखलाई नहीं देती। कालोनी का हाल भी बेहाल है। इसी तरह जामपाली, कुडुमकेला , पतरापाली, फगुरम व टेरम ग्राम को खेती बाड़ी खेत खलिहान कुआं बावली तालाब सभी जगह धूल डस्ट से सराबोर है।