रायगढ़

किसान ने बनाई प्रदूषण नियंत्रण मशीन, पर्यावरण संरक्षण में मिलेगी मदद
13-Jul-2023 2:45 PM
किसान ने बनाई प्रदूषण नियंत्रण मशीन, पर्यावरण संरक्षण में मिलेगी मदद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 13 जुलाई। छत्तीसगढ़ के नवगठित सारंगढ़ जिले के सरिया तहसील के अंतर्गत आने वाले एक छोटे से गांव के किसान ने लगातार बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के उद्देश्य से एक ऐसा मशीन का अविष्कार किया है जिसके उपयोग मात्र से प्रदूषण में कमी लाई जा सकती है। 

सरिया तहसील के गोबरसिंहा गांव के रहने वाले डॉ हेमसागर पटेल पिता रामनारायण पटेल 41 साल एक किसान हैं और उन्होंने कृषि भूगोल (भूमि उपयोग) में पी.एच.डी. भी की है। हेमसागर पटेल ने दो माह पहले एक मशीन जिसका नाम उसने वाहन और उद्योग से होने वाले प्रदूषण को नियमित करने के लिये फिल्टर प्रणाली रखा है, उसका अविष्कार किया है जिसे मोटर सायकल में लगाने पर और प्रदूषण जांच कराने पर इसके सफल परिणाम देखने को मिल रहा है। 

हेमसागर पटेल ने बताया कि वह नेट की परीक्षा की तैयारी कर रहा था और भौतिक भूगोल बुक देखकर कैमिकल और लोहे के चाटर से एक मशीन का निर्माण किया है। इस मशीन में एक बार कैमिकल डालने से उक्त मशीन को 50 हजार किलोमीटर तक चलाया जा सकता है। हेमसागर ने बताया कि उसने पैटेन्ट कैमिकल बनाने के लिये विज्ञान केन्द्र परिषद रायपुर में आवेदन दिया था और कैमिकल बनाने में तीन माह का समय लग गया और अभी उक्त मशीन को बने दो माह का समय हो चुका है और  700 किमी तक मोटर सायकल में यूज किया जा चुका है।

हेमसागर पटेल ने इस मशीन के फायदे बताते हुए कहा कि इसमें कार्बन की मात्रा जो 3 प्रतिशत आ रहा है इस फिल्टर को लगाने के बाद 0.19 प्रतिशत आने लगा है। मशीन लगाने के बाद आवाज को कम करने के साथ-साथ बाईक की एवरेज भी बढ़ रहा है। इसका उपयोग डीजल, पेट्रोल से चलने वाले इंजन में काम आएगा जैसे बस, कार, ट्रक, पानी जहाज, रेल, सहित मोटर सायकल शामिल है। इस मशीन के उपयोग से बिगड़ते पर्यावरण को बचाया जा सकता है। 40 से 50 प्रतिशत तक प्रदूषण को कम कर सकते हैं और पर्यावरण संतुलन को सामान्य बनाये रखेगा। 

प्रदूषण से होने वाली बीमारियों में आएगी कमी

हेमसागर पटेल ने बताया कि उसके नये अविष्कार को वो सर्विस सेंटर विभाग (रिसर्च सेंटर) तक भी पहुंचाना चाहते हैं ताकि इसका अधिक से अधिक मात्रा में उपयोग हो और इसके उपयोग से वायु प्रदूषण से होनें वाली कई तरह की बीमारियों को रोका भी जा सकता है। साथ ही साथ इससे धरती के तापमान एवं जलवायु परिवर्तन को रोका जा सकता है। 

सीएम और पीएम तक इस अविष्कार को पहुंचाना लक्ष्य

हेमसागर पटेल ने अपने नये अविष्कार के फायदे को बताते हुए कहा कि पर्यावरण को संतुलन बनाये रखने उसके द्वारा इस मशीन का उपयोग किया गया है और वे चाहते हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उसके इस नये अविष्कार को एक बार देखें और बिगड़ते पर्यावरण को बचाये रखने इस अविष्कार को और बेहतर बनाने की पहल करें। चूंकि आने वाले समय में इस अविष्कार को और बेहतर बनाया जा सकता है ताकि यहां स्थापित उद्योगों से जो कार्बन निकलता है उसमें भी इसका उपयोग करके उसे कुछ हद तक कम किया जा सकता है।

पहले भी कर चुके हैं शिव गंगा मशीन का अविष्कार

सरिया तहसील के रहने वाले किसान एवं डॉ. हेमसागर पटेल इससे पहले भी शिव गंगा नामक एक अविष्कार कर चुके है, जिसे उन्होंने कबाड़ के जुगाड़ से बनाया था, जिससे खेती के उपयोग में जोताई और बोआई में उपयोग किया जा सकता था। उस मशीन को बनाने में डेढ़ साल का समय लगा था।

 


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