रायगढ़
मकान जल्द तोडऩे के निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 28 सितंबर। नगर निगम ने हर वार्ड में जर्जर भवन को चिन्हाकित करने सर्वे शुरू किया गया है। जर्जर भवन के मालिकों को नोटिस देकर भवन खुद तोडऩे के लिए कहा जा रहा है। निगम ने कहा है कि, जर्जर को मालिक स्वयं नहीं तोड़ेगा तो नगर निगम उसे तोड़ेगी और उसका पैसा लोगों से वसूला जाएगा। पहले चरण में सात लोगों को नोटिस भी दिया गया है। 20 अन्य जर्जरों भवनों का चिन्हांकन करने के बाद उन्हें भी नोटिस देने की तैयारी है।
नगर निगम के अफसर मानते हैं कि जर्जर हो चुके कुछ भवन विवादित भी हैं, इनसे संबंधित मामले कोर्ट में लटके हैं। दूसरी तरफ शनिवार को शासन ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों को जर्जर स्कूल भवनों के संबंध में आदेश जारी किया है।
भवन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अभी जिन लोगों को नोटिस दिया गया है, उन्हें सात से दस दिनों में खुद से तोडऩे के लिए कहा जा रहा है। यदि नहीं तोड़ते है तो एक निश्चित समय के बाद नगर निगम उनके तोडऩे के लिए कहा जाएगा। ऐसे मकानों को तोडऩे के लिए टेंडर किया जाएगा, इसमें जो भी खर्च होगा उनका पैसा लोगों से वसूला जाएगा। शहर के बीच में सुभाष चौक के पास दिनशॉा आइसक्रीम के बगल में स्थित बिल्डिंग के मालिकों को नोटिस दिया गया है।
बैकुंठपुर इलाके में वर्षों पुराने पीपल पेड़ से लगकर बने मकान के मालिक को भी नोटिस दिया गया है। पांच छोटे- छोटे मकानों को भी तोडऩे के लिए कहा है। हालांकि हर वार्डों से दो से तीन जर्जरों मकानों की जानकारी सामने आ रही है। हालांकि अभी इसका सर्वे चल ही रहा है।
निगम के अफसरों के अनुसार जो बिल्डिंग सरकार की होती है, उस विभाग को ही जिम्मा लेना होता है। जो भवन पुराने होते हैं, उसके लिए नगर निगम से एनओसी लेनी होती है उसके बाद उसे तोड़ा जा सकता है। वर्षों पुराने पेड़ों को भी काटे जाने को लेकर भी लगातार निगम के पास आवेदन आ रहे हैं। लेकिन भवन विभाग के इंजीनियरों का कहना है कि इसके लिए वन विभाग से मंजूरी लगती है। प्रक्रिया थोड़ी कठिन है, इसलिए इसे काटे जाने में परेशानी है। वहीं पेड़ काटने के लिए वन विभाग से अनुमति लेनी होती है।


