महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 26 दिसंबर। शासकीय प्राथमिक शाला करनापाली में इस साल शीतकालीन अवकाश के दौरान नवाचारी शिक्षा की एक अनूठी तस्वीर देखने को मिल रही है। शिक्षक और समुदाय के साझा प्रयास से सामूहिक पहल से सामूहिक पढ़ाई, अभियान शुरू किया गया है। जिसके तहत बच्चे छुट्टियों में भी ज्ञान अर्जन में जुटे हैं।
इस नवाचार में बच्चे छोटे-छोटे समूह बनाकर अध्ययन कर रहे हैं। इस कार्य में उन्हें विद्यालय के पूर्व छात्रों और पालकों का भरपूर मार्गदर्शन मिल रहा है। यह पहल बच्चों को स्कूल की चारदीवारी से बाहर निकलकर सामाजिक वातावरण में सीखने का अवसर दे रही है। प्रधान पाठक गिरधारी साहू ने बताया कि सामूहिक पढ़ाई का अर्थ है विचारों का आदान-प्रदान और साथ मिलकर समस्याओं को सुलझाना। यह छात्रों के बीच सहयोग, जुड़ाव और आजीवन सीखने की क्षमता को बढ़ाता है, जो सामुदायिक सशक्तिकरण के लिए आवश्यक है। शिक्षक वीरेंद्र कुमार कर ने इसके लाभ गिनाते हुए कहा कि समूह में चर्चा करने से कठिन विषयों की समझ गहरी होती है। इससे बच्चों में संवाद, निर्णय लेने की क्षमता और टीम वर्क जैसे सामाजिक कौशल विकसित हो रहे हैं। जिससे सीखने की प्रक्रिया मजेदार बन गई है। शिक्षिका निर्मला नायक ने सामुदायिक सहभागिता पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा केवल स्कूल तक सीमित नहीं होनी चाहिए। यह नवाचार घर, स्कूल और समुदाय के संबंधों को मजबूत कर रहा है। जिससे बच्चे बागवानी, पोषण और साक्षरता जैसे व्यवहारिक ज्ञान से भी जुड़ रहे हैं। विद्यालय के इस शैक्षणिक प्रयास पर शाला विकास समिति और ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने शिक्षकों के इस समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियों से बच्चों का सर्वागींण विकास संभव है।


