महासमुन्द

पीएम जनमन योजना से बदली ग्राम बांसकुड़ा कमार बस्ती की तस्वीर
18-Dec-2025 2:55 PM
पीएम जनमन योजना से बदली ग्राम  बांसकुड़ा कमार बस्ती की तस्वीर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 18 दिसम्बर। जिले के विकासखंड महासमुन्द अंतर्गत ग्राम बांसकुड़ा कमार बस्ती लंबे समय तक सडक़ जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित रहा।

आदिवासी बाहुल्य एवं विलुप्त प्रजाति कमार जनजाति की बसाहट होने के कारण यहां के परिवार सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों से कटे हुए थे। वर्षा ऋतु में कच्ची सडक़ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती थी, जिससे स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था। इस चुनौती को दूर करने हेतु वर्ष 2023-24 में ग्राम बांसकुड़ा को प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान के अंतर्गत सडक़ निर्माण हेतु चयनित किया गया। योजना के अंतर्गत 79.23 लाख रुपये की लागत से 1.60 किलोमीटर मीटर लंबाई की पक्की सडक़ निर्माण की स्वीकृति दी गई।

िवस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर तकनीकी स्वीकृति प्राप्त की गई तथा विभागीय अभियंताओं द्वारा सतत निगरानी एवं गुणवत्ता नियंत्रण के साथ कार्य को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किया गया। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान के अंतर्गत निर्मित यह सडक़ ने सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक परिवेश में व्यापक परिवर्तन लाकर ग्राम को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा है।

बांसकुड़ा कमार बस्ती में सडक़ निर्माण पूर्ण होते ही ग्राम के जीवन में उल्लेखनीय परिवर्तन देखने को मिले। अब एम्बुलेंस और स्वास्थ्य सेवाएं बिना किसी बाधा के गांव तक पहुंचने लगी हैं। गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और आपातकालीन रोगियों को समय पर उपचार मिलने लगा है। टीकाकरण एवं स्वास्थ्य अभियान भी नियमित रूप से गांव तक पहुंच रहे हैं, जिससे मातृ-शिशु स्वास्थ्य में सुधार की संभावनाएं प्रबल हुई हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव आया है। बच्चों और युवाओं को स्कूल, कॉलेज एवं उच्च शिक्षा संस्थानों तक पहुंचने में अब कठिनाई नहीं होती। विद्यार्थियों की उपस्थिति दर में वृद्धि हुई है और शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ी है। कृषि एवं आर्थिक गतिविधियों को भी नई गति मिली है। किसानों को अपनी उपज बाजार तक पहुंचाने में समय और लागत की बचत हो रही है।  कमार जनजाति द्वारा तैयार किए जाने वाले बांस शिल्प उत्पादों को अब आसानी से बाजार में बेचा जा रहा है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई है। दूध, सब्जी और दैनिक आवश्यक वस्तुओं की नियमित आपूर्ति संभव हुई है तथा रोजगार व स्वरोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। सडक़ निर्माण से गांव का सामाजिक-आर्थिक एकीकरण भी सुदृढ़ हुआ है। मुख्य सडक़ से जुड़ाव के कारण सामाजिक आयोजनों, मेलों और सामूहिक गतिविधियों में सहभागिता बढ़ी है। बाहरी क्षेत्रों से संपर्क मजबूत होने के साथ-साथ ग्राम में विकास कार्यों की गति भी तेज हुई है।

ग्राम के एक कमार परिवार ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, पहले सडक़ न होने से रोजमर्रा के काम बहुत कठिन थे। बच्चों की पढ़ाई, मरीजों का इलाज और फसल का बाजार तक पहुंचाना बड़ी समस्या थी। पीएम जनमन योजना से सडक़ बन जाने के बाद अब स्कूल, अस्पताल और बाजार तक पहुंचना आसान और सुरक्षित हो गया है। हमारी आय और जीवन स्तर में बहुत ही सुधार हुआ है।


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