महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,12 दिसंबर। अवधि बढ़ाए जाने के बाद अब रकबा त्रुटि संशोधन के लिये मात्र 4 दिन ही शेष रह गाए हैं। यदि शनिवार तथा रविवार शासकीय अवकाश को छोड़ दें तो केवल 2 दिन ही किसानों को अपने रकबा त्रुटि संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए समय मिलेगा।
जानकारी मिल रही है कि साफ्टवेयर में गलत ढंग से रकबा की जानकारी अपलोड करा दी गई है। ऑनलाइन में किसी किसान के नाम पर ज्यादा रकबा दिखा रहा है तो किसी किसान के नाम पर शून्य दिखा रहा है। गड़बड़ी होने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साफ्टवेयर के माध्यम से सभी राजस्व रिकार्ड डिजीटल तथा ऑनलाइन किया गया है। अब कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन रिकार्ड को देख सकता है। साथ ही जमीन के संबंध में जानकारी और दस्तावेज प्राप्त कर सकता है। पर तकनीकी खामियों के कारण साफ्टवेयर में दर्ज रिकार्ड गड़बड़ा गए हैं। इससे किसानों के साथ पटवारियों के लिए भी परेशानी हो गई है। किसान रिकार्ड सुधार करने पटवारियों के चक्कर लगा रहे हैं। वहीं पटवारी अजीबोगरीब विकल्पों के कारण इस पर काम नहीं कर पा रहे हैं।
वर्तमान में 6 हजार किसानों के रकबा की जानकारी पोर्टल में नहीं दिखाए जाने की शिकायत मिल रही थी। इसे लेकर शासन की ओर से रकबा त्रुटि संशोधन के लिए तिथि बढ़ाई गई थी। अब भी सैकड़ों की संख्या में किसान अपने रकबा को लेकर हलाकान हैं। रोजाना दर्जनों की संख्या में किसान कलेक्टोरेट पहुँचकर शिकायत कर रहे हैं। इसमें अनेक किसानों का रकबा का क्षेत्रफल शो नहीं कर रहा तो कई किसानों का रकबा ही शून्य दिखा रहा है। यही नहीं अनेक किसानों का धान की फसल के स्थान पर बंजर भूमि या फिर कोई अन्य फसल दिखाई दे रही है।
इस तरह गलत जानकारी पोर्टल में दिखने से किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है। फलस्वरूप किसान हलाकान हैं। दरअसलए भुइयां सॉफ्टवेयर में पूर्व में आई त्रुटि का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। एक जानकारी के मुताबिक जिन किसानों की मृत्यु हो चुकी है तथा हाल ही में जिन्होंने फ ौती कटवाई है। उन्हीं किसानों के वारिसानों को सर्वाधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि वर्तमान में 1लाख 62 हजार 288 किसान पंजीकृत हैं। वहीं 6805 नए किसान हैं। जबकि 3442 किसानों का पंजीयन निरस्त किया गया है। धान खरीदी के पूर्व से अपने रकबा के संशोधन को लेकर हलाकन किसान अब भी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। साफ्टवेयर, ऑनलाइन रिकार्ड में कई रकबा शून्य दिखा रहा है, तो कई में रकबा कम अथवा ज्यादा दर्ज हो गया है। साफ्टवेयर के माध्यम से सभी राजस्व रिकार्ड डिजीटल किए जा रहे हैं।


