महासमुन्द
अब पर्यटकों को ट्रैकिंग के साथ कैंपिंग की भी सुविधा मिलेगी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,8दिसंबर। सरायपाली के शिशुपाल पर्वत में ईको कैंप 5 दिसंबर से शुरू हो गया है। पर्वत को प्रदूषण से बचाने के लिए यहां नई पहल की गई है। इसके तहत अब प्रदूषण फैलाने वाले सामान जैसे प्लास्टिक पॉलीथिन आदि साथ ले जाने पर पर्यटकों से 20 रुपए शुल्क लिया जाएगा। पर्वत से लौटते वक्त पर्यटक इसे दिखाते हैं, तो शुल्क वापस कर दिया जाएगा। शिशुपाल पर्वत में अब पर्यटकों को ट्रैकिंग के साथ कैंपिंग की भी सुविधा मिलेगी, जो यहां के सफर को और भी रोमांचित बनाएगी।
शिशुपाल पर्वत जिला मुख्यालय महासमुंद से 140 किलोमीटर की दूरी और सरायपाली से करीब 28 किमी की दूरी पर स्थित है। शिशुपाल पर्वत पर प्राकृतिक सौंदर्य, एडवेंचर और ट्रैकिंग के शौकीन लोगों के लिए करीब 1200 फ ीट की सीधी चढ़ाई वाली पर्वत दिलचस्प और यादगार होती है। सरायपाली रेंजर प्रत्युष तांडेय ने बताया कि अब यहां ट्रेकिंग के लिए पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए वन मंडल महासमुंद ने सुविधाओं और सुरक्षा के लिए काम भी करवाए हैं। पर्वत में चढ़ाई करने के लिए रेलिंग और सीढ़ी भी बनाई गई है। इससे पर्यटक सुरक्षित ट्रेकिंग का आनंद ले पाएंगे।
गौरतलब है कि पहाड़ की चोटी पर बड़ा सा मैदान है, जो अपने आप में अनोखा है। वहीं शिशुपाल पर्वत पर ही घोड़ाधार नाम का बेहद ऊंचाई से गिरने वाला एक झरना है। इसके अलावा पर्वत पर जन आस्था का केंद्र प्राचीन शिव मंदिर स्थित है। इस पहाड़ पर जड़ी-बूटियों और कई औषधीय गुणों वाले पौधे भी पाए जाते हैं। सभी तरह से शिशुपाल पर्वत प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण हैं।
पर्यटकों से ट्रैकिंग के लिए 20 रुपए का शुल्क लिया जा रहा है। उनके द्वारा ले के जा रहे पानी बोटल, पैकेट फूड, प्लास्टिक की थैलियां, दोना पत्तल और प्लास्टिक से निर्मित सामग्री जो पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। ऐसे सामग्रियों को अपने साथ ट्रेकिंग पर ले जाने पर उन्हें एक शुल्क जमा करना पड़ेगा। ट्रेकिंग से वापस आने पर साथ लेकर गए सामग्रियों और उनके कचरे को नीचे दिखाने पर जमा शुल्क को उन्हें वापस कर दिया जाएगा। इससे पर्यावरण प्रदूषण में कमी होगी। कैंपिंग के साथ खाने की भी सुविधा: पर्वत में पर्यटकों को अब रात बिताने की सुविधा मिलेगी। खाना बनाने किचन की भी सुविधा है। लोग अब फैमिली और दोस्तों के साथ यहां अपना क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते हैं।


