महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,4 दिसंबर। महासमुंद जिले में धान खरीदी के 19 दिनों बाद भी उपार्जन केन्द्रों में धान का उठावे शुरू नहीं हो पाया है। यहां अब तक मिलर्स से अनुबंध की प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से ही एक भी दाना धान का उठाव नहीं हो सका है। अत: धान खरीदी केन्द्रों में धान का पहाड़ खड़ा होने लगा है। इस बार सहकारी समितियों की हड़ताल की वजह से प्रशासन का ध्यान जैसे-तैसे खरीदी शुरू कराने को लेकर भी था। फलस्वरूप मिलर्स से अनुबंध में देरी हो गई। आज गुरुवार की स्थिति में अब तक कुल 22900 किसानों से कुल 13056 टन धान उपार्जित किया जा चुका है।
चरौदा सोसायटी के समिति प्रबंधक जयप्रकाश साहू के अनुसार 17 फीसद नमी के मापदंड पर धान की खरीदी की जा रही है। धान खरीदी के प्रारंभिक दिनों में उपार्जित किये गये धान में सर्वाधिक नमी रहती है। फलस्वरूप इसी धान में शॉर्टिज आता है। एक माह बाद यानी जनवरी तक धान सूख जाता है तो इस धान की खरीदी में चिंताजनक नमी नहीं रहती। इसी सूखत को लेकर ही तो हमारी हड़ताल थी। यदि धान का उठाव प्रारंभिक दिनों से ही शुरू हो जाता तो हमारी चिंता समाप्त हो जाती। खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 200 से अधिक मिलर्स हैं। लेकिन इनमें से कुल 106 मिलर्स ने आवेदन किया है। कुल आवेदनों में से 45 मिलर्स का ही पंजीयन हो पाया है। जबकि 31 का पंजीयन शेष तथा 20 मिलर्स ने दस्तावेज जमा नहीं किया है। हालांकि प्रशासन की टीम ने मिलर्स से अनुबंध को लेकर दस्तावेजी कार्रवाई शुरू कर दी है। बताना जरूरी होगा कि मिलर्स से अनुबंध के बाद ही बारदाने का आदान-प्रदान होता है। यदि इसमें विलंब हुआ तो बारदाना संकट से भी इनकार नहीं किया जा सकता। किसानों की मानें तो प्रारंभिक दिनों में धान का उठाव नहीं हो पायेगा तो आने वाले माह भर में खरीदी केन्द्रों में धान जाम की स्थिति बनेगी। पहले धान खरीदी केन्द्रों में धान का उठाव कर संग्रहण केन्द्रों में रखते थे। लेकिन बीते 2 वर्षों से सरकारी परिवहन का झंझट और खर्च कम था। बीते वर्ष की बात करें तो आज दिनांक तक 84643.29टन धान मिलर्स को भेजा जा चुका था।
बहरहाल, शहर के समीप बेमचा, बम्हनी, झालखम्हरिया सहित अन्य सोसायटियों में अब धान के स्टेक पहाड़ों जैसे खड़े होते जा रहे हैं। जहां पर्याप्त जगह है उन सोसायटियों में माह भर उठाव नहीं होगा तो भी कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन जहां जगह कम है उन सोसायटियों में सप्ताह भर में ही व्यवस्था प्रभावित होने की संभावनाएं हैं। इस बार रकबा संबंधित त्रुटि सुधार की वजह से अधिकांश किसान धान नहीं बेच पा रहे हैं। सरायपाली से जानकरी मिली है कि सरायपाली, तोरेसिंहा और भंवरपुर से जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा के अंतर्गत संचालित 40 समितियों में किसी भी समिति का डीओ जारी नहीं हुआ है। जबकि कई उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट से अधिक धान खरीदी हो चुकी है। जानकारी अनुसार धान उपार्जन केंद्र नवागढ़ का बफर लिमिट 7500 क्विंटल है। जहां अभी तक 16000 क्विंटल धान खरीदी हो चुकी है। लेकिन टीओ जारी नहीं हुआ है। वर्तमान में प्रत्येक उपार्जन केंद्रों में खरीदी की लिमिट 500 से 1000 क्विंटल कम हो रही है। जिसे बढ़ाने शाखा प्रबंधकों की ओर से पत्र व्यवहार कर मांग की गई है।
ानकारी अनुसार तोरेसिंहा शाखा की उपार्जन केंद्र केना की बात करें तो 15 नवंबर से 31 जनवरी तक 50000 क्विंटल धान की खरीदी की जानी है, जहां दिन की खरीदी लिमिट 797 क्विंटल निर्धारित किया गया है।


