महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 1 दिसंबर। महासमुंद के भलेसर मार्ग स्थित सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सप्त शक्ति संगम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य संयुक्त परिवार की संकल्पना को सुदृढ़ करना व स्त्री में निहित सप्त शक्तियां कीर्ति, श्री, वाक, स्मृति, मेधा, धृति व क्षमा को जागृत कर परिवार और समाज निर्माण में नारी की भूमिका को सशक्त बनाना है।
प्रथम वक्ता अध्यक्ष, गायत्री महिला मंडल पूर्णिमा साहू ने कुटुंब प्रबोधन और पर्यावरण के संबंध में भारतीय दृष्टि विषय पर प्रभावी विचार प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि परिवार भारतीय समाज की आधारशिला हैं, मातृशक्ति में वह गुण होती है, जो अपने बच्चों को और परिवार को जैसा चाहे वह उस गुण में ढाल सकती हैं। पर्यावरण सुरक्षा पर नारी शक्तियों को विशेष ध्यान देना चाहिए, इसके लिए परिवार के सदस्यों के जन्मदिन पर एक-एक पेड़ लगाते रहना चाहिए।
पूर्व प्रधानाचार्य कृष्णा चंद्राकर ने भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका विषय पर विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारत के विकास में महिलाओं का योगदान आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक और राजनीतिक क्षेत्रों में महत्वपर्ण है। महिलाएं अब विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व कर रही हैं, जिनमें चिकित्सा, इंजीनियरिंग, अंतरिक्ष, और रक्षा शामिल हैं।
अध्यक्षीय उद्बोधन में भारती गुप्ता ने कहा कि नारी शक्ति केवल एक नारा नहीं है, बल्कि यह समाज के विकास की एक अनिवार्य शर्त है, जो कि हम सभी महिलाओं को सशक्त बनाते हैं, एवं मजबूत और समृद्ध समाज का निर्माण करती हैं। इस मौके पर संध्या शर्मा, मनोज साहू, प्रिया सिन्हा सहित अन्य मौजूद थीं।
वीरांगनाओं की वेशभूषा में सप्तशक्ति का संदेश इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी का अभी आयोजन किया गया। माताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया व विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। तत्पश्चात रानी लक्ष्मीबाई, जीजा माता, अहिल्या बाई होलकर, रानी दुर्गावती, भारत माता, छत्तीसगढ़ महतारी व तीजनबाई जैसी वीरांगनाओं की वेशभूषा में बालिकाओं ने सप्त शक्ति के रूप मेंआकर्षक व रोचक झांकिया प्रस्तुत कर संदेश दिया।


