महासमुन्द

नेशनल हाइवे की जमीन पर किसान मोर्चा ने छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति स्थापित की, 6 गिरफ्तार
30-Nov-2025 3:00 PM
नेशनल हाइवे की जमीन पर किसान मोर्चा ने छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति स्थापित की, 6 गिरफ्तार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 30 नवंबर। महासमुंद जिले से गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग-53 पर तुमगांव थाना क्षेत्र में छत्तीसगढ़ किसान मोर्चा के छह सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

 नेशनल हाईवे पेट्रोलिंग के कर्मचारी कमलेश पटेल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि किसान मोर्चा के लोग राष्ट्रीय राजमार्ग की भूमि पर छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति स्थापित कर रहे थे। जिससे रायपुर, सरायपाली मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बाधित हो रही थी।

शिकायत के बाद मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने किसानों को समझाइश दी। लेकिन इसके बावजूद किसान सत्याग्रहियों ने मूर्ति स्थापना का प्रयास जारी रखा। बाद पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए हाईवे पेट्रोलिंग कर्मचारी के आवेदन के आधार पर कार्रवाई की।

अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण या अवरोध कानूनन दंडनीय है। पुलिस ने इस मामले में बीएनएस की धारा 285, 3-5 तथा राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 की धारा 8 ठ के तहत अपराध दर्ज किया है।  गिरफ्तार छह लोगों को न्यायालय में पेश किया गया। घटना तुमगांव थाना क्षेत्र के करणी कृपा प्लांट के सामने की है। यहां फिलहाल पुलिस निगरानी बढ़ा दी गई है।

 

मालूम हो कि तुमगांव से आगे खैरझीटी गांव की जमीन पर करणीकृपा पावर प्लाांट स्थापित है। इस प्लांट के खिलाफ खैरझियी समेत दस-बारह गांवों के किसानों ने तीन साल से मोर्चा खोल रखा है। किसानों का कहना है कि करणीकृपा प्लांट किसानों, फोरलेन, तथा सरकारी जमीन पर स्थित है। वहां की मशीनें दिन रात जहर की तरह काले धुएं उगलती है। खेत की जमीन बंजर हो चुकी है और लोगों को सांस की गंभीर बीमारियां लग चुकी है। किसानों की मांग है कि करणीकृपा प्लांट को बंद किया जाए। बीते सालों में करणीकृपा में काम करते दर्जनों मजदूरों मौतें हुई हैं। इन्हीं सब कारणों से परसों सत्याग्रही किसानों ने धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति स्थापित की थीं।

किसानों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग वालों ने अपनी जमीन करणीकृपा को तो दे दी लेकिन छत्तीसगढ़ महतारी की विरोध किया है। इस काम में जिला प्रशासन तथा स्थानीय राजनेताओं का प्रश्रय करणीकृपा को है। जेल भेजे गये किसानों का नाम अभी तक अप्राप्त है।


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