महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,10सितंबर। हॉफ बिजली बिल योजना बंद करने के बाद आ रहे भारी भरकम बिजली बिलों ने पहले ही महंगाई के बोझ से दबे उपभोक्ताओं की कमर तोड़ कर रख दी है। बढ़ी हुई दरों ने अब घर का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। गरीब तथा मध्यम वर्गीय परिवार को बिजली बिल के झटकों से ज्यादा प्रभावित हैं। स्थिति यह आ गई कि लोग महतारी वंदन से मिल रहे 1000 रूपए वापस बिजली बिल पटाने में निकल रहे हैं। मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं के घर तो एकाएक 25 सौ से 3 हजार से भी अधिक के बिजली के बिल पहुंच रहे हैं। दिन भर दिहाड़ी मजदूरी करने वालों की स्थिति और भी खराब है। वे अपना पेट काटकर बिजली का बिल जमा करने मजबूर हैं। मिली जानकारी के अनुसार जिले के 1 लाख 40 हजार 392 उपभोक्ताओं को हॉफ बिजली बिल योजना का लाभ मिल रहा था। इसमें 400 यूनिट तक के बिजली बिलपर 50 प्रतिशत छूट का लाभ कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मिल रहा था। अब शासन ने मात्र 100 यूनिट तक खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को ही इसका लाभ देने का निर्णय लिया है। इससे 100 से अधिक खपत वाले लाखों उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत छूट के लाभ से वंचित होना पड़ा है। इस बार सितंबर माह का एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी उमस वाली गर्मी शांत नहीं हुई है। फलस्वरूप लोग अब भी कूलर और एसी का उपयोग कर रहे हैं। छूट समाप्त होने के बाद तथा बढ़े हुए दरों पर बिजली बिल उपभोक्ताओं को झटके पर झटके दे रहा है। आमतौर पर सितंबर से लेकर जनवरी तक शीतकाल होने की वजह से बिजली का बिल कम आता है। लेकिन छूट समाप्त होने के बाद तथा बढ़े हुए दरों पर आने वाले बिजली बिलों ने उपभोक्ताओं का चैन छिल लिया है। बताना उचित होगा कि बीते सालों में बिजली उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक बिजली की खपत पर 50 फीसदी छूट मिल रही थी। फलस्वरूप बिल आधा आता था। जिससे लाखों उपभोक्ताओं को हजारों रुपए की राहत मिली थी। भाजपा सरकार ने एक अगस्त से छूट समाप्त कर दी है। फलस्वरूप सितंबर माह का बिल भी कहर बरपाने वाला होगा। छग राज्य विद्युत मंडल दफ्तर से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 2 लाख 60 हजार 511 उपभोक्ता हैं। इसमें 85 हजार 512 बीपीएल, 1 लाख 14 हजार 549 सामान्य घरेलू उपभोक्ता तथा 60 हजार 450 अन्य उपभोक्ता है। अब इन बीपीएल उपभोक्ताओं को प्रतिमाह अनुमानत: 558 से 1223 रुपए तक बिजली बिल का भुगतान करना होगा।