महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 18 अगस्त। क्षेत्र में हलषष्टी पर्व उत्साह से मनाया गया। महिलाओं में भी व्रत को लेकर काफी उत्साह था। ज्ञात हो कि हलषष्ठी (कमरछठ) का पर्व माताए अपनी संतान की लम्बी उम्र की कामना के लिए करती हैं।
स्थानीय कर्मचारी कॉलोनी लहरौद की महिलाओं ने बताया कि हलषष्टी में व्रत रखकर माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना करती हैं। मान्यता है कि हलषष्टी का व्रत रखने अर्थ ही माताओं द्वारा अपने संतान की लम्बी उम्र की कामना करना है । सभी मातायें संतान की लम्बी उम्र की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस व्रत में भगवान शंकर जी की अराधना की जाती है । पूजा हेतु विशेष रुप से भैंस के दूध का ही उपयोग किया जाता है और लाई, नारियल और विशेष प्रकार के पसहर चावल से ही प्रसाद बनाया जाता है ।
परम्परा के अनुसार एक सागरी नुमा गड्ढा खोद कर मिट्टी के भगवान शंकर व माता पार्वती की प्रतिमा बनाकर उसकी पूजा अर्चना की जाती है ।