महासमुन्द

जनसुनवाई के बाद कौंवाझर में बैैठी पंचायत
09-Oct-2021 5:09 PM
जनसुनवाई के बाद कौंवाझर में बैैठी पंचायत

करणीकृपा प्लांट का समर्थन करने वाले युवकों को जमकर फटकार 

युवाओं ने बहकावे में समर्थन देना कबूला, मांगी माफी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
महासमुंद, 9 अक्टूबर।
करणीकृपा पॉवर प्राइवेट लिमिटेड के इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट लगाने को लेकर हुई जनसुनवाई के बाद कल शाम ग्राम कौंवाझर ग्रामीणों की पंचायत बैठी। जिसमें उन युवाओं को जमकर फटकार लगाई गई, जिन्होंने जनसुुनवाई में प्लांट का समर्थन किया था। फटकार पड़ते ही प््लांट का समर्थन करने वाले युवाओं ने बहकावे में आकर ऐसे करने की बात कबूली। इन युवकों ने गांव वालों और पंचायत के सामने माफ ी मांगी तथा भविष्य में ऐसा नहीं करने का भरोसा दिलाया।

करणीकृपा पॉवर प्राइवेट लिमिटेड, पर्यावरण, प्रशासन और ग्रामीण, किसानों के बीच खैरझिटी में गुरूवार को हुई जनसुनवाई में ग्राम पंचायत से फ र्जी प्रस्ताव दिए जाने की गूंज भी सुनाई दी। इसके अलावा कुछ ने स्टील प्लांट का समर्थन किया तो दूसरी ओर विरोध करने वालों की संख्या भी कम नहीं थी। इनमें अधिकांश महिलाएं और बुजुर्ग थे। जनसुनवाई में कौंवाझर के करीब दो सौ ग्रामीण और किसान मौजूद थे। जनसुनवाई के बाद कल शाम कौंवाझर पंचायत के ग्रामीण और पंचों ने मिलकर एक आपात बैठक आयोजित की और जिन युवाओं ने स्टील प्लांट का समर्थन किया था, उनकी जमकर क्लास ली। बाद में युवाओं ने बहकावे में आकर ऐसा करने की बात कबूली। युवाओं ने ग्रामीणों और पंचों के सामने भविष्य में ऐसे नहीं करने की बात कहते हुए मांफी मांगी। 

गौरतलब है कि करणीकृपा पॉवर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट लगाने को लेकर कौंआझर और खैरझिटी पंचायत से लिए गए पंचायत प्रस्ताव से उपजी विवादों ने दोनों गांवों की शांति भंग कर दी है। प्लांट के मैनेजमेंट ने इन पंचायत के लोगों को दो धड़ों में बांट कर रख दिया है। कुछ लालच में समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे हैं और दूसरी ओर वो ग्रामीण और किसान हंै, जो भविष्य में स्टील प्लांट से निकलने वाली दूषित प्रदूषण और डस्ट का प्रभाव से उनके उपजाऊ भूमि को बंजर होने को लेकर चिंतित हैं। इसलिए ग्रामीण और किसान स्टील प्लांट के विरोध में खड़े हैं।

नियम कानूनों को ताक में रखकर की गई है जनसुनवाई-जुगनू चंद्राकर 
इस जनसुनवाई का विरोध करते हुए महासमुंद जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 1 के सदस्य जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर ने कलेक्टर एवं पीठासीन अधिकारी के समक्ष आपत्ति पत्र प्रस्तुत कर कहा था कि ग्राम खैरझिटी-कौंआझर में वृहद औद्योगिक प्रयोजन हेतु भूमि अधिग्रहण के लिए 7 अक्टूूबर को जनसुनवाई को निरस्त होनी चाहिए। बावजूद इसके जनसुनवाई का आयोजन हुआ। 

अपनी अपील में जुगनू चंद्राकर ने कहा था कि पर्यावरण अधिनियम 2006 के तहत यह जनसुवाई नहीं हो रही है इसलिए इस सुनवाई को निरस्त किया जाए। महामारी अधिनियम के चलते शासन प्रशासन किसी प्रकार का भीड़ इक_ा नहीं कर सकता। लिहाजा यह महामारी अधिनियम के विरूद्ध है। एनवायरमेंट इंपैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट क्षेत्रीय भाषा में नहीं है, इसलिए सुनवाई निरस्त किया जाए। क्षेत्र में पहली जनसुनवाई है, जिसका प्रचार प्रसार 10 किलोमीटर के गांव में होना चाहिए था जो नहीं हुआ, इसलिए जनसुनवाई नहीं होनी चाहिए। 

जुगनू का आरोप था कि ईआईए रिपोर्ट बनाने वाली कंपनी ने जमीनी सर्वे नहीं किया है, इस क्षेत्र में ऐतिहासिक स्थालों एवं प्राकृतिक जल स्त्रोतों को नहीं दर्शाया गया है इसलिए ईआईए रिपोर्ट फर्जी है। उद्योग प्रबंधन एवं ईआईए रिपोर्ट बनाने वालों ने साजिश एवं षडयंत्र कर जनता एवं प्रशासन के साथ धोखाधड़ी की है। इसका अपराध पंजीबद्ध किया जाना चााहिए। अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव तेजराम विद्रोही ने भी जनसुनवाई के पूर्व कलेक्टर से मांग की थी कि करनीकृपा पॉवर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा करीब 125 एकड़ भूमि पर परियोजना स्थापित किया जाना है जिसमें से 100 एकड़ भूमि कंपनी द्वारा भूस्वामियों से समझौता कर लिया गया है लेकिन बाकी 25 एकड़ भूमि समझौता हेतु प्रक्रियाधीन है। 

जनसुनवाई से पहले 10 किलोमीटर की परिधि में उद्योग लगने का क्या प्रभाव होगा इसके बारे में जनजागरण अभियान चलाया जाना चाहिए था जो नहीं किया गया है। साथ ही उद्योग में काम करने वाले मजदूर कौन होंगे उनकी प्रवृत्ति जैसे स्थायी, अस्थायी, ठेका मजदूर आदि क्या होगी इसकी भी जानकारी ग्रामीणों को नहीं दी गई है। स्थानीय स्तर पर कुशल, अद्र्धकुशल व अकुशल मजदूरों की संख्या क्या होगी इसकी भी जानकारी क्षेत्र के लोगों को नहीं दी गई है। कुल मिलाकर शासन द्वारा निजी कंपनी से मिलीभगत कर ग्रामीणों को गुमराह कर उद्योग स्थापित की जा रही है। इसलिए इस जनसुनवाई को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए।
 


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