महासमुन्द

लैब में एक भी सैंपल पेंडिंग में नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 5 अक्टूबर। कोरोना महामारी के पहले दौर में कोरोना टेस्ट के लिए हुई मारामारी को देखते हुए महासमुंद जिले में वायरोलॉजी लैब स्थापित किया गया। इस लैब के स्थापना के बाद महासमुंद जिले के साथ-साथ गरियाबंद को आरटीपीसीआर सैंपल जांच की सुविधा मिली। सुविधा मिलने के साथ ही पहले की तरह सप्ताह भर लोगों को रिपोर्ट का इंतजार करना नहीं पड़ा। इसी का नतीजा है कि 30 अप्रैल से शुरू हुए लैब में अब तक कुल 53 हजार आरटीपीसीआर सैंपल की जांच की गई है, जिसमें से लगभग 7 हजार सैंपल गरियाबंद जिले के थे।
लैब अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के दूसरे दौर के बाद वर्तमान समय में जिलेभर से 300 से अधिक आरटीपीसीआर के सैंपल जांच के लिए आ रहा है, जिसे एक ही दिन में जांच कर रिपोर्ट दे दी जा रही है। हालांकि लैब के शुरुआती दिनों में यहां हजारों की संख्या में जिले से ही आरटीपीसीआर के सैंपल आ रहे थे। इसके साथ ही गरियाबंद से भी 500 से 1000 की संख्या में जांच के लिए सैंपल यहां भेजे जा रहे थे।
वर्तमान समय में हर रोज गरियाबंद से 100 आरटीपीसीआर के सैंपल भेजे जा रहे हैं। जिन्हें जांच कर 24 घंटे में ही रिपोर्ट दे दी जा रही है। गौरतलब है कि इससे पहले कोरोना के शुरुआती दिनों में रायपुर संभाग के सभी जिले के आरटीपीसीआर सैंपल राजधानी के एम्स और मेकाहारा स्थित वायरोलॉजी लैब में ही भेजा जाता है। महामारी के पीक के चलते रोजाना हजारों की संख्या में सैंपल एकत्रित होने के चलते महासमुंद के सैंपल की जांच रिपोर्ट सप्ताह से लेकर पखवाड़े भर के अंतराल में मिलता था।
मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में लैब में 1 माइक्रोबायोलॉजिस्ट, 6 टेक्नीशिन, 2 ऑपरेटर कार्यरत हैं। हालांकि लैब में 1 भी साइंटिस्ट और लैब असिस्टेंट नहीं हैं, जिनकी भर्ती भी जल्द होने की संभावना है। इस लैब को महासमुंद सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित कर रहा है। कॉलेज के मान्यता और अन्य प्रक्रिया जल्द पूरी होते ही यहां कि रिक्त पदों पर भी भर्ती होगी, ताकि अन्य जांच की सुविधा और तेजी से लोगों को मिल सके। लैब के कार्यों व सुविधाओं का जायजा लेने के लिए सितंबर के अंतिम पखवाड़े में डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन डॉ. विष्णु दत्त ने निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया था।
महासमुंद के वायरोलॉजी लैब के इंचार्ज डॉ. ओंकार कश्यप ने बताया कि लैब में एक भी सैंपल पेंडिंग में नहीं है। रविवार को बिजली की कुछ समस्या होने के कारण सिर्फ 20 सैंपल की जांच नहीं हो पाई थी, जिसे सोमवार तक क्लियर कर लिया गया है। जिले में शुरुआत से अब तक कुल 53 हजार सैंपल की जांच की गई है।