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'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 27 जून। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की जमीन पहले बहुआयामी संस्थान और फिर बाद में टेनिस अकादमी को आबंटित करने पर विवाद खड़ा हो गया है। विवि ने संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत से विवि की जमीन को वापस दिलाने की मांग की है। इस सिलसिले में विवि के कुलपति डॉ. एसके पाटिल की संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत से चर्चा भी हुई है।
विवि के एक अफसर ने 'छत्तीसगढ़' से चर्चा में बताया कि पिछली सरकार ने बहुआयामी संस्थान के लिए विवि की 10 एकड़ जमीन ले ली थी। संस्थान का निर्माण संस्कृति विभाग द्वारा किया जाना था। मगर बाद में आगे इस दिशा में कोई काम नहीं हो पाया। पिछले दिनों संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत से विवि के कुलपति डॉ. पाटिल ने आग्रह किया था कि चूंकि संस्थान का निर्माण नहीं हुआ है, इसलिए यह जमीन वापस की जानी चाहिए।
बताया गया कि विवि को उक्त जमीन शोध कार्य के लिए काफी जरूरी भी है। पिछली सरकार ने यहां भारत भवन की तर्ज पर बहुआयामी संस्थान की स्थापना की कार्ययोजना तैयार की थी। कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की पहल पर विवि की जमीन भी संस्थान के लिए ले ली गई। इस आग्रह पर विचार हो पाता, इससे पहले ही जमीन में से चार एकड़ जमीन टेनिस अकादमी के लिए आबंटित कर दी गई।
अब इस जमीन पर निर्माण के लिए टेनिस अकादमी द्वारा टेंडर भी हो चुका है। करीब 15 करोड़ की लागत से प्रस्तावित अकादमी-निर्माण के लिए कोरबा की कंपनी मित्तल कंस्ट्रक्शन को काम भी दे दिया गया है। यहां निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है। जानकारों का कहना है कि चूंकि जमीन पर निर्माण कार्य शुरू हो रहा है, ऐसे में जमीन की वापसी मुश्किल है। फिर भी बाकी जमीन की वापसी पर सरकार विचार कर सकती है।