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पीएम आवास के लिए बुजुर्ग दंपत्ति लगा रहे चक्कर
दिलीप देवांगन
जगदलपुर, 24 जून ('छत्तीसगढ़' संवाददाता)। बुजुर्ग दंपत्ति प्रधानमंत्री आवास के लिए वर्षों से चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है कि बारिश में कच्चा मकान ढह सकता है और इससे जान-माल का खतरा बना हुआ है।
यह मामला बस्तर जिले के दरभा ब्लॉक के ग्राम पंचायत ककनार का है। यहां वर्षों से रहने वाले बुजुर्ग दंपत्ति का घर पूरी तरह कच्चा मकान है और यह मकान गिरने को है। दंपत्ति ढह रहे घर के एक छोटे से कमरे में गुजर-बसर कर रहे हैं।
जब 'छत्तीसगढ़' की टीम यहां पहुंचकर इन दंपत्ति से बात की तो सोमारू बघेल (63) ने बताया कि हम पति-पत्नी यहां वर्षों से निवास करते आ रहे हैं और यह मेरा जन्म स्थल भी है। यहां पुरखों की थोड़ी बहुत जमीन है, जिसमें खेती कर हम लोग जीवन जी रहे हैं। यह घर करीब 40 वर्ष पुराना है और आर्थिक तंगी के कारण इसकी देखरेख न करने के कारण बारिश में धीरे-धीरे गिर रहा है। मैं इंदिरा आवास के लिए कई बार पंचायत में अर्जी दिया और चार वर्षों से प्रधानमंत्री आवास के लिए पंचायत का चक्कर काट काट कर थक गया हूं। सचिव सरपंच प्रस्ताव ऊपर भेजने की बात तो करते हैं पर कई वर्ष बीत गए, अब तक मेरा नाम सूची में नहीं आया।
सोमारू में बताया कि इस बारिश में यह घर ढह सकता है और इससे जान-माल दोनों का खतरा बना हुआ है। सोमारू ने यह भी कहा कि सचिव द्वारा सरकारी भवन में रहने के लिए कहा है, पर अपना घर छोड़ कर जाने की इच्छा नहीं बन पा रही है। 'छत्तीसगढ़' के माध्यम से सोमारू बघेल ने प्रदेश सरकार से निवेदन किया है कि उसे आवास बनाने के लिए राशि उपलब्ध कराई जाए।
इस संबंध में ग्राम पंचायत सचिव बुधराम नाग ने बताया कि मैं इस पंचायत में नया आया हूँ और मुझे इन्होंने अपने घर की स्थिति के बारे में बताया और मैं स्वयं भी देख चुका हूं। इनके आवास के लिए पंचायत से प्रस्ताव पारित कर जिला पंचायत भेज दिया हूं।