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सत्यनारायण, धनेन्द्र का निगम-आयोग से इंकार, अरूण वोरा तैयार
24-Jun-2020 12:26 PM
सत्यनारायण, धनेन्द्र का निगम-आयोग से इंकार, अरूण वोरा तैयार

जूनियर विधायकों को मिल सकता है मौका

शशांक तिवारी
रायपुर, 24 जून ('छत्तीसगढ़'संवाददाता)।
कांग्रेस के सीनियर विधायकों ने निगम मंडल में जाने से मना कर दिया है। सिर्फ चार बार के विधायक अरूण वोरा ही ऐसे हैं, जो निगम-मंडल का दायित्व संभालने के लिए तैयार हैं। 

श्री वोरा ने 'छत्तीसगढ़' से चर्चा में कहा कि निगम-मंडल में नियुक्ति मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। यदि उन्हें कोई जिम्मेदारी दी जाती है, तो वे इसे संभालने के लिए तैयार हैं। इससे परे सात बार के विधायक सत्यनारायण शर्मा, रामपुकार सिंह और पांच बार के विधायक धनेन्द्र साहू को निगम-आयोग का अध्यक्ष बनाने की चर्चा रही है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने इनमें से कुछ विधायकों से चर्चा भी की थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। 

सत्यनारायण शर्मा, अविभाजित मध्यप्रदेश की दिग्विजय सरकार में ताकतवर मंत्री थे। इसके बाद जोगी सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे। स्वाभाविक तौर पर भूपेश मंत्रिमंडल में जगह मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। सत्यनारायण शर्मा के करीबी सूत्रों का मानना है कि निगम मंडलों का पद द्वितीय पंक्ति के नेताओं के लिए रहता है, जो चुनाव नहीं लड़ पाए हैं। ऐसे में सबसे सीनियर विधायक का निगम-मंडल में पद लेने का सवाल ही पैदा  नहीं होता है।

कुछ इसी तरह के विचार धनेन्द्र साहू के भी हैं। जबकि पूर्व मंत्री रामपुकार सिंह का कहना है कि उनसे इस विषय पर किसी तरह की कोई चर्चा भी नहीं हुई है। रामपुकार सिंह भी जोगी सरकार में  मंत्री रहे हैं। पूर्व मंत्री अमितेष शुक्ल को खुले तौर पर निगम मंडल में जाने से मना कर चुके हैं। पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक सत्यनारायण शर्मा और धनेन्द्र साहू से राय लेकर उनके समर्थकों को निगम-मंडलों में जगह दी जा सकती है। चूंकि सीनियर विधायकों ने निगम-मंडलों में नियुक्ति के लिए मना कर दिया। ऐसे में जूनियर विधायकों को निगम मंडलों में मौका मिल सकता है। इस क्रम में जगदलपुर के रेखचंद जैन, देवती कर्मा, कुलदीप जुनेजा, शकुंतला साहू, शैलेष पाण्डेय का नाम चर्चा में है। 


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