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बालाघाट-कवर्धा सीमा पर क्षत-विक्षत शव मिला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला (कवर्धा), 23 नवंबर। मध्यप्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क के सुपखार परिक्षेत्र से मानव-वन्यजीव संघर्ष की एक घटना सामने आई है।
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के बोड़ला विकासखंड अंतर्गत चिल्फी थाना क्षेत्र के ग्राम सिंघनपुरी निवासी 65 वर्षीय चरवाहा गुनीराम यादव का शव रविवार को सुपखार कोर एरिया के जंगल में क्षत-विक्षत अवस्था में मिला। शव का आधा हिस्सा बाघ द्वारा नोचा और खाया हुआ था, जिससे घटना की पुष्टि हुई है।
गाय चराने गया था, रात तक घर नहीं लौटा
घटना शनिवार की है रोज की तरह गुनीराम यादव सुबह अपनी गायों को लेकर कान्हा नेशनल पार्क के सुपखार रेंज की ओर चला गया था। देर शाम तक वह घर नहीं लौटा, जिसके बाद परिजनों ने चिंतित होकर थाना चिल्फी में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई।
रविवार सुबह ग्रामीणों और पुलिस-वन विभाग की संयुक्त खोजबीन के दौरान परिक्षेत्र क्रमांक 314 में जंगल के भीतर एक क्षतविक्षत शव मिला। पहचान के बाद पुष्टि हुई कि शव गुनीराम यादव का ही है।
वन विभाग ने मौके का निरीक्षण किया और घटना को टाइगर अटैक माना है, क्योंकि शव के पास घसीटने के निशान, पंजों के गहरे प्रिंट और शेर की मौजूदगी के पगमार्ग साफ दिखाई दिए।
कई गांव पहले ही विस्थापित
सिंघनपुरी, बिठली रनवाही, सुखड़ी सहित आसपास के गांव लंबे समय से मूवमेंट के लिए पहचाने जाते हैं। इसी संवेदनशीलता को देखते हुए वन विभाग ने पिछले वर्षों में कई गांवों को विस्थापित भी किया था। इसके बावजूद ग्रामीण आज भी आसपास के जंगल क्षेत्रों में चराई और लकड़ी संग्रह के लिए जाते रहे हैं, जिससे खतरा बना हुआ है।
स्थानीय ग्रामीणों का दावा है कि पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में बड़ी बिल्ली प्रजाति के मांसाहारी वन्यजीवों की आवाजाही तेजी से बढ़ गई है, लेकिन चेतावनी बोर्ड या फील्ड गश्त पर्याप्त नहीं है।
पंचनामा, पोस्टमार्टम और रिपोर्ट तैयारी
कान्हा (मध्यप्रदेश) और चिल्फी (छत्तीसगढ़) वन परिक्षेत्रों की संयुक्त टीम मौके पर पहुँची।पंचनामा कार्रवाई हुई,शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजना घटनास्थल का वैज्ञानिक निरीक्षण पगमार्ग, घसीटने के निशान और दाँतों के कटाव का विश्लेषण वन्य प्राणी हमले की पुष्टि संबंधी रिपोर्ट, इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है। घटना सीमा क्षेत्र पर होने के कारण दोनों राज्यों की जॉइंट रिपोर्ट तैयार होगी, जिससे परिजनों को मुआवजा मिलने की प्रक्रिया तेज होगी।
ग्रामीणों में आक्रोश—जंगल सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने की मांग
घटना के बाद सिंघनपुरी व आसपास के गांवों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि कोर एरिया में जाने पर कड़ा प्रतिबंध लागू किया जाए। गांवों के आसपास गश्ती बढ़ाई जाए। चेतावनी बोर्ड और सायरन सिस्टम लगाया जाए चराई हेतु वैकल्पिक स्थानों की व्यवस्था की जाए।


