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चंद्रखुरी में मूर्ति परिवर्तन में देरी पर सांसद ने जताई गंभीर चिंता
रायपुर, 20 नवंबर। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने एक बार पुनः मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर माँ कौशल्या की पावन जन्मभूमि में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की गरिमा एवं पारंपरिक स्वरूपानुकूल भव्य मूर्ति की स्थापना की मांग की है।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में लगाई गई मूर्ति का स्वरूप प्रभु श्री राम की पारंपरिक छवि से मेल नहीं खाता था, जिसके कारण व्यापक जन-विरोध उत्पन्न हुआ। श्री अग्रवाल ने न केवल इस विषय को सार्वजनिक मंचों पर बार-बार उठाया, बल्कि विधानसभा में भी दृढ़ता के साथ आवाज बुलंद करते हुए प्रभु श्री राम की गरिमा संगत नई मूर्ति स्थापना की मांग को मजबूती से रखा था।
सांसद ने यह भी उल्लेख किया कि वर्तमान सरकार के गठन के बाद भी यह मांग लगातार उठती रही, किंतु लगभग दो वर्षों के बाद भी मूर्ति परिवर्तन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने से जनता में निराशा व्याप्त है। उनके संज्ञान में आया कि छत्तीसगढ़ के लिए निर्मित नई मूर्ति ग्वालियर में तैयार होने के बावजूद विभागीय उदासीनता के कारण उसे किसी अन्य राज्य में स्थापित किए जाने की स्थिति बन रही है—जो अत्यंत चिंतनीय है।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि अगले तीन महीनों के भीतर चंद्रखुरी में प्रभु श्री राम की पारंपरिक स्वरूपानुकूल भव्य मूर्ति की स्थापना सुनिश्चित की जाए तथा माँ कौशल्या की जन्मभूमि के समग्र विकास हेतु एक विस्तृत मास्टर प्लान बनाकर प्राथमिकता से कार्य आरंभ किया जाए।
श्री अग्रवाल ने सदैव जन-आस्था, सांस्कृतिक धरोहरों और छत्तीसगढ़ की आध्यात्मिक पहचान को सर्वोच्च महत्व दिया है। चंद्रखुरी के विकास को लेकर उनका सतत संघर्ष और प्रतिबद्धता इस बात का प्रमाण है कि वे न केवल क्षेत्र के जनप्रतिनिधि हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा को संजोने वाले सच्चे प्रहरी भी हैं।


