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सीपीआई(एमएल) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा है कि बिहार चुनाव के नतीजे 'समझ से परे' हैं.
उनके मुताबिक़ एनडीए को मिली प्रचंड जीत सिर्फ़ बहुमत नहीं है, ये 80 प्रतिशत से ज़्यादा है.
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, "एनडीए को अगर 125 या 130 या 135 सीटें मिलतीं, जो आमतौर पर एग्ज़िट पोल में भी आ रहा था, वहां तक बात समझ में आती."
उन्होंने कहा कि इस बार के नतीजे 2010 के नतीजों का दोहराव है, लेकिन तब नीतीश कुमार के उभार का दौर था.
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, "अगर हम मोदी सरकार को भी ले लें. नीतीश कुमार के साथ पीएम मोदी को भी जोड़ लें और 2024 के चुनाव परिणाम को भी अगर दिमाग़ में रखें, तो निश्चित तौर पर ये सरकार का कोई उभार का दौर नहीं है."
"ये (सरकार के) गिरावट का दौर है. सरकार सवालों से घिरी हुई है. जनता तमाम सवालों को लेकर नाराज़ है. ऐसे में इस तरीके का चुनाव परिणाम समझ से परे है."
बिहार में सीपीआई(एमएल) ने महागठबंधन के तहत आरजेडी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा. महागठबंधन को सिर्फ़ 35 सीटों पर ही जीत मिल पाई. इसमें सीपीआई (एमएल) ने दो सीटें जीती हैं.


