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बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार 28 महिला उम्मीदवारों ने शानदार जीत दर्ज की है.
बीजेपी, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल समेत तमाम पार्टियों ने बहुत कम महिला उम्मीदवार उतारे. बिहार में महिला वोटरों की बढ़ती भागीदारी के बावजूद राजनीतिक दलों ने महिला उम्मीदवारों को ज़्यादा तवज्जो नहीं दी.
जनता दल यूनाइटेड और बीजेपी ने 13-13 महिला उम्मीदवार उतारे थे. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने 5 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जबकि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने दो महिला उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था.
वहीं महागठबंधन की बात करें तो आरजेडी ने 23, कांग्रेस ने पांच और वीआईपी-सीपीआई (एमएल) ने एक-एक महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था.
1. मैथिली ठाकुर - अलीनगर
चर्चित गायिका मैथिली ठाकुर ने पहली बार में ही चुनावी मैदान में बाज़ी मार ली.
दरभंगा की अलीनगर सीट से बीजेपी की उम्मीदवार मैथिली ने आरजेडी के बिनोद मिश्र को 11 हज़ार से अधिक वोटों से हरा दिया. मैथिली ठाकुर को 84915 वोट मिले.
25 साल की मैथिली ठाकुर अपनी मिथिला पहचान को लेकर काफ़ी मुखर रही हैं.
वो 2025 के अक्टूबर महीने में बीजेपी में शामिल हुई थीं और उन्हें तुरंत पार्टी का टिकट मिल गया.
बच्चों के रियलिटी शो से चर्चा में आईं मैथिली ठाकुर महिला सशक्तीकरण, महिला शिक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण को लेकर काफ़ी मुखर हैं.
बीजेपी में शामिल होने से पहले मैथिली ठाकुर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा था कि वो ज़मीनी मुद्दों को उठाना चाहेंगी.
वो चाहती हैं कि उनका अपने गृह क्षेत्र के मुद्दों से जुड़ाव बना रहे.
2. स्नेहलता - सासाराम
स्नेहलता को उनके पति उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने टिकट दिया था. राष्ट्रीय लोक मोर्चा एनडीए का घटक दल है.
पार्टी ने छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. स्नेहलता पार्टी की एकमात्र महिला उम्मीदवार थीं.
उन्होंने सासाराम सीट पर राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार सतेंद्र साह को 25 हज़ार से अधिक वोटों से हराया.
पति की पार्टी में पत्नी को टिकट दिए जाने पर किए गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने बीबीसी न्यूज़ हिन्दी से कहा था कि वो 1995 से अपने पति के साथ मिलकर राजनीति में सक्रिय रही हैं.
उन्होंने कहा था कि भले ही वो राजनीति में पर्दे के पीछे से काम करती रही हैं लेकिन इसमें वो सक्रिय रही हैं.
उन्होंने चुनाव से पहले ही भरोसा जताया था कि एनडीए जीतने जा रहा है और लोग नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के पद पर देखना चाहते हैं.
बीबीसी न्यूज़ ने जब उनसे पूछा था कि उनकी पार्टी में किसी मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में क्यों नहीं उतारा तो उन्होंने कहा कि पार्टी ने समीकरण देखकर ही उम्मीदवार उतारे हैं.
3. लेशी सिंह - धमदाहा
लेशी सिंह को जनता दल (यूनाइटेड) ने धमदाहा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था.
धमदाहा सीमांचल की अहम विधानसभा सीट रही है. यहां 2015 से जनता दल यूनाइडेट का वर्चस्व रहा है.
2020 में लेशी सिंह ने आरजेडी के दिलीप कुमार यादव को 33,954 वोटों से हराया था.
2015 में भी लेशी सिंह ने आरएलएसपी के शिवशंकर ठाकुर को 30 हज़ार से ज़्यादा वोटों से हराया था.
नीतीश कुमार ने जब समता पार्टी बनाई थी उसी समय से लेशी सिंह उनके साथ जुड़ी हैं. इस समय वो बिहार में खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री हैं.
लेशी सिंह बिहार महिला आयोग की अध्यक्ष भी रही हैं.
4. रेणु देवी - बेतिया
बीजेपी ने बेतिया सीट से पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी को उम्मीदवार बनाया था.
उन्होंने इस सीट पर कांग्रेस के वशी अहमद को हराया है. रेणु देवी को 91907 वोट मिले जबकि वशी अहमद को 69534 वोट.
वह बेतिया से छठी बार चुनाव मैदान में उतरी थीं. वो इस सीट का चार बार प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.
2014 और 2020 में वह बीजेपी की ज़िला अध्यक्ष भी रही हैं. फ़िलहाल वह नीतीश मंत्रिमंडल में पशु और मछली संसाधन विभाग की मंत्री हैं.
रेणु देवी 16 नवंबर 2020 से 9 अगस्त 2022 तक बिहार की उपमुख्यमंत्री रहीं.
वो भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुकी हैं. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में वो बीजेपी की उपनेता रही हैं.
वो बीजेपी में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) का चेहरा हैं.
5. श्रेयसी सिंह - जमुई
श्रेयसी सिंह ने जमुई सीट जीत ली है. बीजेपी की उम्मीदवार श्रेयसी ने राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार मोहम्मद शमशाद आलम को 54498 वोटों से हराया.
श्रेयसी सिंह को एक लाख 23 हज़ार 868 वोट मिले जबकि मोहम्मद शमशाद आलम को 69370 वोट मिले.
श्रेयसी सिंह मशहूर निशानेबाज़ हैं. उन्होंने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स (गोल्ड कोस्ट, ऑस्ट्रेलिया) के महिला डबल ट्रैप इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था. इससे पहले उन्होंने 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स (ग्लासगो, स्कॉटलैंड) में रजत पदक हासिल किया था.
साल 2020 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की थी. वो 2020 में जमुई से बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर जीती थीं.
श्रेयसी ने दिल्ली के हंसराज कॉलेज से पढ़ाई की है. जब वो दसवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही थीं तो एथेंस ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौर नें उन्हें शूटिंग को अपना करियर अपनाने के के लिए प्रेरित किया था.
श्रेयसी स्वर्गीय दिग्विजय सिंह की बेटी है. दिग्विजय सिंह बिहार के बांका से सांसद हुआ करते थे और अटल बिहारी वाजपेई की एनडीए सरकार में विदेश राज्य मंत्री भी थे.
6. दीपा कुमारी - इमामगंज
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) की दीपा कुमारी इमामगंज सीट 25 हज़ार से अधिक वोटों से जीत ली है.
उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल की रितु प्रिया चौधरी को हराया.
दीपा कुमारी को एक लाख चार हज़ार 861 वोट मिले जबकि रितु प्रिया चौधरी को 79005 वोट.
दीपा कुमारी जीतन राम मांझी की बहू हैं.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा एनडीए का हिस्सा है. गठबंधन में उनके हिस्से छह सीटें आईं थीं. जिसमें दो सीटों पर उन्होंने महिलाओं को बतौर उम्मीदवार उतारा था.
7. छोटी कुमारी - छपरा
छोटी कुमारी ने छपरा सीट पर भोजपुरी फिल्म अभिनेता और गायक शत्रुघ्न यादव उर्फ़ खेसारी लाल यादव के ख़िलाफ़ चुनाव जीता है. खेसारी के इस सीट से चुनाव लड़ने की वजह से छोटी कुमारी पर सभी की नज़र थी.
छोटी कुमारी को 86845 वोट मिले. उन्होंने खेसारी लाल यादव को साढ़े सात हज़ार से अधिक वोटों से हराया.
छपरा सीट पिछले 15 सालों से बीजेपी का गढ़ माना जाता रहा है.
लेकिन बीजेपी ने 2020 में विधायक रहे डॉक्टर सीएन गुप्ता का टिकट काटकर छोटी कुमारी को टिकट दिया और उन्होंने पार्टी की उम्मीदों को पूरा करते हुए छपरा सीट जीत ली.
35 वर्षीय छोटी कुमारी का ये पहला विधानसभा चुनाव था. वो ज़िला परिषद अध्यक्ष रह चुकी हैं.
8. करिश्मा - परसा
परसा विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदवार करिश्मा ने बाज़ी मारी है. उन्होंने जनता दल यूनाइटेड के छोटे लाल राय को 25 हज़ार से भी अधिक वोटों से हराया.
करिश्मा को 89 हज़ार से अधिक वोट मिले जबकि छोटे लाल राय तकरीबन 64 हज़ार वोट ही हासिल कर पाए.
करिश्मा राय डेंटिस्ट हैं. वो बिहार के पूर्व सीएम दरोगा राय की पोती हैं और तेज प्रताप की पत्नी ऐश्वर्या राय की चचेरी बहन हैं.
तेजस्वी ने विधानसभा चुनाव से पहले करिश्मा को आरजेडी में शामिल कराया था.
चर्चा थी कि जनता दल (यूनाइटेड) ऐश्वर्या राय के पिता चंद्रिका राय को टिकट देने वाली है, लेकिन पार्टी ने छोटे लाल राय को उतारा.
9. बेबी कुमारी - बोचहां
मुजफ्फरपुर जिले की बोचहां सीट से पूर्व विधायक रहीं बेबी कुमारी ने राष्ट्रीय जनता दल के अमर कुमार पासवान को हरा दिया है.
बेबी कुमारी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की उम्मीदवार हैं.
उन्होंने एक लाख आठ हज़ार 186 वोट हासिल किए वहीं अमर कुमार पासवान को 87870 वोट मिले.
पिछले चुनाव में बेबी कुमारी अमर कुमार पासवान से हार गई थीं.
पिछले उपचुनाव में आरजेडी उम्मीदवार अमर पासवान ने बेबी कुमारी को लगभग 37 हज़ार वोटों से हराया था.
10. मीना कुमारी - बाबूबरही
जनता दल (यूनाइटेड) की मीना कुमारी ने मधुबनी ज़िले की बाबूबरही सीट से जीत हासिल की है.
उन्होंने इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल के अरुण कुमार सिंह को 17 हज़ार से अधिक वोटों से जीत हासिल की .
मीना कुमारी ने 98221 वोट हासिल किए जबकि अरुण कुमार सिंह 80653 वोट हासिल कर सके.
मीना कुमारी ने बाबूबरही विधानसभा सीट पर दूसरी बार जीत हासिल की है.
जीत के बाद मीरा कुमारी ने कहा कि "ये बिहार नीतीश कुमार का है. नीतीश कुमार ही बिहार के विकास में सफल साबित हुए हैं."
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि लोगों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास का मार्ग चुना है. (bbc.com/hindi)


