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रावत नाचा महोत्सव और स्वदेशी मेले में भी शामिल हुए मुख्यमंत्री
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 16 नवंबर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मुख्य आतिथ्य में यहां शनिवार को भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई गई। मुख्यमंत्री स्वदेशी मेला और रावत नाचा महोत्सव में भी शामिल हुए ।
जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शहर में भगवान बिरसा मुंडा की आदमकद प्रतिमा लगाए जाने की घोषणा की। साथ ही, एक प्रमुख चौक का नामकरण भी उन पर किया जाएगा।
लालखदान ओवरब्रिज का नामकरण शहीद वीर नारायण सिंह ओवरब्रिज के रूप में किया जाएगा। जनजातीय विद्यार्थियों के लिए 300 और 200 सीटर आधुनिक छात्रावास बनाए जाएंगे और कोटा ब्लॉक में जनजातीय समाज के लिए नया सामुदायिक भवन भी तैयार होगा।
पुलिस परेड ग्राउंड में जनजातीय गौरव दिवस पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज ने देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में बड़ा योगदान दिया है, लेकिन इतिहास में उन्हें उचित स्थान नहीं मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस घोषित कर देशभर में आदिवासी गौरव की भावना को सम्मान दिया। रायपुर में वीर नारायण सिंह ट्राइबल म्यूजियम और जबलपुर में रानी दुर्गावती संग्रहालय का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब आने वाली पीढ़ियां डिजिटल माध्यम से भी अपनी विरासत से रूबरू हो सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना और पीएम जनमन योजना से छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्य हो रहे हैं और राज्य राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान पर है। कार्यक्रम में जनजातीय विद्यार्थियों, कलाकारों और समाजसेवियों को सम्मानित भी किया गया। उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विधायक धरमलाल कौशिक, अमर अग्रवाल और कई जनप्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज कराई।
इधर, साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित सात दिवसीय स्वदेशी मेला भी आकर्षण का केंद्र रहा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वदेशी स्टॉलों का अवलोकन किया और कारीगरों व स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वदेशी मेला सिर्फ आयोजन नहीं, बल्कि स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का महापर्व है। मेले में 300 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें कोसा वस्त्र, ढोकरा कला, बेल मेटल, हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद और पारंपरिक व्यंजन लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के “लोकल फॉर वोकल” के आह्वान के बाद स्वदेशी आंदोलन को नई दिशा मिली है। उन्होंने आग्रह किया कि लोग हर घर स्वदेशी–हर हाथ स्वदेशी का संकल्प लें।
प्रदेश में स्थानीय उत्पादों के विपणन के लिए यूनिटी मॉल बनने की जानकारी भी दी गई।
केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, विधायक धरमलाल कौशिक और अमर अग्रवाल ने भी स्वदेशी के महत्व पर अपने विचार रखे और कहा कि स्वदेशी आंदोलन अब देश के आर्थिक स्वाभिमान का मूल मंत्र बन चुका है।
लाल बहादुर शास्त्री स्कूल मैदान में 48वें रावत नाचा महोत्सव का शनिवार को आयोजन रखा गया था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पारंपरिक वेश में मंच पर पहुंचे और नर्तक दलों के साथ झूमकर सभी का उत्साह बढ़ाया। उन्होंने कहा कि रावत नाचा सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है और यदुवंशी समाज की गौरवशाली परंपरा पूरे प्रदेश को जोड़ती है। तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव और अनेक जनप्रतिनिधि इस मौके पर मौजूद रहे।
मंच से दोहे, पारंपरिक वेशभूषा में नर्तक दलों की प्रस्तुति और ढोल–नगाड़ों की गूंज ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया। समिति के संरक्षक कालीचरण यादव ने बताया कि यह महोत्सव 48 वर्षों से यदुवंशी समाज की एकता और सांस्कृतिक संरक्षण का मजबूत प्रतीक है।





