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पाम मॉल जमीन विवाद में पुलिस की खात्मा रिपोर्ट खारिज की कोर्ट ने
14-Nov-2025 12:36 PM
पाम मॉल जमीन विवाद में पुलिस की खात्मा रिपोर्ट खारिज की कोर्ट ने

60 दिन के भीतर नए सिरे से जांच पूरी करने का आदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोरबा, 14 नवंबर। पाम मॉल जमीन घोटाले के चर्चित मामले में न्यायालय ने पुलिस की जांच पर स्थानीय अदालत ने कई सवाल उठाए हैं। पुलिस ने अदालत में खात्मा रिपोर्ट पेश किया था, जिसे खारिज करते हुए उसे 60 दिन के भीतर फिर से जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

 यह विवाद पीड़िता अरुणिमा सिंह की जमीन से जुड़ा है, जिसे कथित रूप से दस्तावेज़ों में हेराफेरी कर पाम मॉल परिसर में जोड़ दिया गया था। 10 नवंबर 2025 को न्यायाधीश सत्येंद्र प्रसाद ने कोतवाली पुलिस की खात्मा रिपोर्ट को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि पुलिस की जांच सतही और औपचारिक दिखाई देती है। न्यायालय ने पुलिस को आदेश दिया कि वे 60 दिनों के भीतर सात प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से जांच कर नई रिपोर्ट अदालत में जमा करें। अदालत ने स्पष्ट किया कि आगे की जांच में पीड़िता को बार-बार थाने बुलाने की जरूरत नहीं है। यदि बयान आवश्यक हो, तो पुलिस स्वयं उनके घर जाकर बयान दर्ज करेगी।

मामला खसरा नंबर 663/3, रकबा 0.0380 हेक्टेयर से जुड़ा है, जो पॉवर हाउस रोड के पास स्थित है।
अरुणिमा सिंह का आरोप है कि उनकी जमीन की सीमा और स्थिति बदली गई, नक्शे में फेरबदल कर उसे पाम मॉल की परिसीमा में शामिल कर लिया गया, मॉल संचालक ने जिस व्यक्ति से जमीन खरीदने का दावा किया है, वह जमीन कहीं और स्थित है, जबकि असल में उनकी जमीन पर कब्जा कर स्थान परिवर्तन किया गया।

पीड़िता की शिकायत पर वर्ष 2020 में  धारा 420, 465, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत मामला दर्ज हुआ था। बाद में पुलिस ने अपनी जांच में यह कहते हुए प्रकरण बंद कर दिया कि आरोपी के खिलाफ कोई अपराध नहीं पाया गया।


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