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हाईकोर्ट की फटकार के बाद पुलिस ने 24 घंटे में बंद किया 9 साल पुराना केस
14-Nov-2025 12:34 PM
हाईकोर्ट की फटकार के बाद पुलिस ने 24 घंटे में बंद किया 9 साल पुराना केस

डीजीपी ने 6 सब इंस्पेक्टरों की इंक्रीमेंट रोकी, डीएसपी को भी दंडित किया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 14 नवंबर। अंबिकापुर के 9 साल पुराने आपराधिक मामले में जांच लटकाए रखने पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग को कड़ी फटकार लगाई थी। इसके बाद डीजीपी अरुण देव गौतम ने तेज़ कार्रवाई करते हुए मामले को साक्ष्य के अभाव में बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

हाईकोर्ट में डीजीपी के व्यक्तिगत हलफनामे के 24 घंटे के अंदर ही फाइल आगे बढ़ी और लापरवाही के लिए जिम्मेदार अफसरों पर विभागीय दंड लागू कर दिया गया।

मामले की देरी के लिए जिम्मेदार पाए गए 6 उपनिरीक्षकों की एक साल की असंचयी वेतन वृद्धि रोक दी गई है। तत्कालीन डीएसपी मणिशंकर चंद्रा को ‘निराशा’ की टिप्पणी से दंडित किया गया है।

जिन सब इंस्पेक्टरों पर कार्रवाई हुई है उनमें नरेश चौहान, विनय सिंह, मनीष सिंह परिहार, प्रियेश जॉन, नरेश साहू और वंश नारायण शर्मा शामिल हैं।

अंबिकापुर के लखनलाल वर्मा के खिलाफ 2016 में अंबिकापुर थाने में दर्ज हुआ था। धारा 384, 502, 504 और 34 भादवि के तहत यह केस वर्षों तक लंबित रहा, जबकि उनके दो सह-आरोपी विचारण न्यायालय से पहले ही बरी हो चुके थे। लखनलाल वर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर शिकायत की कि पुलिस बिना किसी आधार के जांच को वर्षों से रोककर बैठी है। इसके बाद हाईकोर्ट ने 6 नवंबर को डीजीपी से हलफनामा और कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी। साथ ही पूछा था कि दोषी अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई।

डीजीपी ने आदेश मिलते ही पुलिस मुख्यालय ने तत्काल जांच प्रारंभ कर दी और सभी संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

डीजीपी ने हाईकोर्ट को बताया कि कार्रवाई पूरी कर ली गई है और अब लखनलाल वर्मा के खिलाफ कोई सबूत न मिलने के कारण धारा 169 सीआरपीसी के तहत अंतिम रिपोर्ट (क्लोजर रिपोर्ट) विचारण न्यायालय में पेश की जा रही है।


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