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नयी दिल्ली, 14 नवंबर। कांग्रेस ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर शुक्रवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नेहरू के योगदान को नकारने और बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कई अन्य नेताओं ने शांति वन पहुंचकर नेहरू की समाधि पर पुष्प अर्पित किए।
खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "भारत की आज़ादी से लेकर एक मजबूत, आधुनिक और प्रगतिशील राष्ट्र की नींव रखने में असाधारण योगदान देने वाले देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को उनकी जयंती पर विनम्र नमन। उनके विचार, मूल्य और दूरदृष्टि आज भी हम सभी के लिए निरंतर प्रेरणा हैं।"
उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के जनक, संस्थानों के निर्माता ‘हिन्द के जवाहर’ के लोकतांत्रिक, समावेशी, निडर और प्रगतिशील भारत का सपना हर भारतीय जी रहा है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने दूरदर्शी और निडर नेतृत्व से स्वतंत्र भारत में संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों की नींव रखी और देश को एक नई दिशा प्रदान की।"
उन्होंने कहा, "उनके आदर्श और मूल्य आज भी हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। 'हिंद के जवाहर' को जयंती पर सादर नमन।"
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "आज उस व्यक्ति की 136वीं जयंती है जिसकी गूंज अब भी पूरी दुनिया में सुनाई देती है, लेकिन आधुनिक भारत के निर्माण में उनके अमूल्य योगदान को प्रधानमंत्री और उनकी टोली द्वारा नकारने, बदनाम करने, विकृत करने और नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है।"
उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू की विरासत और उनकी उपलब्धियों पर किए जा रहे हमले के बावजूद उन्हें मिटाया नहीं जा सकता।
रमेश ने कहा, "जो लोग 20वीं सदी के हमारे इतिहास से उन्हें मिटाने पर तुले हुए हैं, वे दरअसल अपनी ही गहरी असुरक्षाओं और हीनभावना को प्रकट कर रहे हैं।"
नेहरू का जन्म 1889 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। वह देश के स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी चेहरों में से एक थे और आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। नेहरू ने 27 मई 1964 को अंतिम सांस ली। (भाषा)


