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एनएमडीसी के निजीकरण की साजिश-अमित
13-Nov-2025 8:24 PM
एनएमडीसी के निजीकरण की साजिश-अमित

बैलाडीला की खदानों को आर्सेलर मित्तल के सुपुर्द करने की तैयारी, आरोप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर,13 नवंबर। जनता कांग्रेस के प्रमुख अमित जोगी ने केन्द्र सरकार पर एनएमडीसी के निजीकरण की साजिश रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बैलाडीला की खदानों को निजी कंपनी आर्सेलर मित्तल के सुपुर्द करने की तैयारी है। जोगी ने निजीकरण के प्रस्तावों को वापस लेने, और प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है।

 पूर्व विधायक अमित जोगी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह सिर्फ एक घोटाला नहीं, बल्कि 1.5 लाख करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति की लूट है।

 उन्होंने बताया कि 3 अक्टूबर 2023 को, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नगरनार की धरती पर कहा - "केंद्र सरकार इस प्लांट का निजीकरण नहीं करेगी... यह देश के लोगों का है।"

अमित जोगी ने बताया कि दो साल बाद, 3 अक्टूबर 2025 को एनएमडीसी स्टील लिमिटेड की आधिकारिक रिपोर्ट कहती है कि रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया जारी है। यानी, जनता से झूठ बोला गया।

उन्होंने बताया कि नागरनार स्टील प्लांट (26,000 करोड़ की सार्वजनिक संपत्ति) और बैलाडिला-4 और 5 की खदानें (85,000 करोड़ की संपत्ति) को अर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील को सुपुर्द करने की तैयारी है।

उन्होंने कहा कि NMDC नगरनार इस्पात संयंत्र के 90% शेयर को निजी कंपनी को बेचने की मंजूरी दी गई। फिर 1 नवंबर 2025: पर्यावरण मंत्रालय नई किरंदुल-अनकापल्ली स्लरी पाइपलाइन को मंजूरी दी गई।

अमित जोगी ने बताया कि इस्पात मंत्रालय नई किरंदुल-अनकापल्ली स्लरी पाइपलाइन को मंजूरी देती है और 9 नवंबर को एक गजट अधिसूचना सुकमा, दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़), मलकानगिरी (ओडिशा), और विशाखापत्तनम, अनकापल्ली, अल्लूरी सीताराम राजू (आंध्र प्रदेश) में जमीन अधिग्रहण को अधिकृत करती है, जो औपचारिक रूप से ओडिशा सरकार को शामिल करती है।

 

वित्तीय घोटाला भी

उन्होंने कहा कि एनएमडीसी प्लांट को घाटे में दिखाने के लिए 120 करोड़ रुपये के कोयला आयात का नकली अनुबंध किया गया। एक ऐसी अमेरिकी कंपनी से, जो है ही नहीं।यह सीधा भ्रष्टाचार है।

उन्होंने कहा कि  यह 1.5 लाख करोड़ घोटाला है और इसकी तत्काल CBI जांच कराई जाए। अमित ने निजीकरण के सभी प्रस्तावों की वापस लेने, और नागरनार प्लांट को स्थायी रूप से सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई घोषित करने की कानूनी गारंटी देने की मांग की है।

उन्होंने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम छत्तीसगढ़ में एक ऐतिहासिक जन आंदोलन शुरू करेंगे।

उन्होंने कहा यह सिर्फ एक प्लांट का मुद्दा नहीं है। यह छत्तीसगढ़ की आत्मा, मेरे पिता स्वर्गीय अजीत जोगी के सपने और आपके भविष्य की लड़ाई है ।


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