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घुमावदार ट्रैक में सिग्नल की गलतफहमी से लोकल ट्रेन चढ़ी मालगाड़ी पर, सीआरएस ने जांच शुरू की
06-Nov-2025 10:57 AM
घुमावदार ट्रैक में सिग्नल की गलतफहमी से लोकल ट्रेन चढ़ी मालगाड़ी पर, सीआरएस ने जांच शुरू की

मृत लोको पायलट के खिलाफ रेलवे ने तोरवा थाने में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कराया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 5 नवंबर। लालखदान-गतौरा रेलखंड पर हुए भीषण रेल हादसे की प्रारंभिक जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। रेलवे मंडल की पांच सदस्यीय टीम ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया कि कोरबा-बिलासपुर लोकल ट्रेन के चालक ने गलत सिग्नल देखकर ट्रेन को उस ट्रैक पर दौड़ा दिया, जहां पहले से कोयला लोडेड मालगाड़ी खड़ी थी। इस गलती ने 11 यात्रियों की जान ले ली और 20 लोग घायल हो गए।

मंगलवार शाम करीब 4 बजकर 10 मिनट पर कोरबा से आ रही गेवरा रोड मेमू लोकल (68733) बिलासपुर की ओर बढ़ रही थी। लालखदान के पास ट्रैक घुमावदार था। आशंका है कि चालक को अपना सिग्नल स्पष्ट नहीं दिखा और उसने दूसरी लाइन पर दिख रहे ग्रीन सिग्नल को सही मान लिया।

इसी दौरान लोकल ट्रेन ने “रेड सिग्नल” पार कर दिया, जिसे रेलवे भाषा में सिग्नल पास्ड एट डेंजर (एसपीएडी) कहा जाता है। ट्रेन सीधे खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि लोकल का इंजन और ब्रेक यान मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गए, जबकि बाकी डिब्बे नीचे लटक गए। रेलवे अफसरों के अनुसार, घटनास्थल का कर्व (घुमावदार हिस्सा) हादसे का बड़ा कारण बना। विद्या सागर ने दूसरे ट्रैक का सिग्नल देखकर ट्रेन आगे बढ़ा दी।

जांच रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि ट्रेन गतौरा स्टेशन से निकलते समय 50 किमी/घंटे की रफ्तार पर थी, जबकि इससे पहले यह 76 किमी/घंटे की गति पर चल रही थी। माना जा रहा है कि सामने मालगाड़ी देखकर चालक ने इमरजेंसी ब्रेक भी लगाए, पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। लोको पायलट विद्या सागर एक माह पहले तक मालगाड़ी चलाते थे। हाल ही में उन्हें पदोन्नति देकर यात्री ट्रेन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लोको पायलट विद्या सागर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सहायक महिला चालक रश्मि राज गंभीर रूप से घायल हैं और अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं।

तोरवा पुलिस ने रेलवे के पत्र के आधार पर मृत लोको पायलट के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज किया है। उधर, रेल संरक्षा आयुक्त ( सीआरएस ) बी.के. मिश्रा कल बिलासपुर पहुंच गए। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया। वे तीन दिनों तक जांच में जुटे रहेंगे और स्टेशन मास्टर, प्वाइंट्समैन, सिग्नल इंजीनियर, गार्ड और अन्य कर्मचारियों के बयान दर्ज करेंगे। रेलवे सेफ्टी कमिश्नर सात नवंबर तक बिलासपुर में रहकर रेल दुर्घटना की विस्तृत जांच करेंगे।
वे डीआरएम कार्यालय में बैठकर 19 रेलवे कर्मचारियों से पूछताछ कर बयान दर्ज कर रहे हैं।

बयान के लिए जिन कर्मचारियों को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है, उनमें शामिल हैं- एलपीजी सुनील कुमार साहू, एएलपी पुनीत कुमार, मेमू लोकल के ट्रेन मैनेजर ए.के. दीक्षित, मालगाड़ी के ट्रेन मैनेजर शैलेश चंद्र, सेक्शन कंट्रोलर पूजा गिरी, गतौरा स्टेशन मास्टर आशा रानी, ज्योत्सना रात्रे, स्टेशन मास्टर निशा कुमार, सीएसएम एस. निर्मलकर, सीएंडडब्ल्यू के एसएसई इंद्र मोहन, सीएलई एस. आचार्य, एसएसई जे.पी. राठौर, एसएसई सिग्नल जे.के. चौधरी, सीडीटीआई ए.के. अग्ने, एसएसई मेमू शेड नरेंद्र कुमार साहू, बोधन गडरिया, एलपीजी सुब्रतो साव और एलएपी प्रभात सिंह। इनमें गतौरा, रायगढ़ और बिलासपुर के रेलकर्मी शामिल हैं। बयान सुबह नौ बजे से दर्ज किए जा जा रहे हैं। सहायक लोको पायलट रश्मि राज अपोलो में भर्ती हैं, उनसे अलग से बयान दर्ज किया जाएगा।

हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोगों की पहचान हो गई है। इनमें विद्या सागर (55, लोको पायलट), प्रमिला वस्त्रकार (55), रंजीत भास्कर (32), अर्जुन यादव (35), शीला यादव (30), मानमति यादव (65), प्रिया चंद्राकर (22), अंकित अग्रवाल, लवकुश शुक्ला, गोती बाई (65) और गोदावरी बाई (60)। घायलों में मथुरा भास्कर (55) महिला, तुलाराम अग्रवाल (60), चौरा भास्कर (50), आराधना निषाद (16), शत्रुघ्न (50), मोहन शर्मा (29), गीता देबनाथ (30), अंजूला सिंह (49), मेहनिश खान (19), शांता देवी गौतम (64), संजू विश्वकर्मा (35), प्रीतम कुमार (18), सोनी यादव (25), शैलेश चंद्र (49), संतोष हंसराज (60), अशोक कुमार दीक्षित (54), रश्मि राज (34), नीरज देवांगन (53), ऋषि यादव (2) एवं राजेंद्र मारुति बिसारे (60) शामिल हैं।

 


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