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इडुक्की (केरल), 26 अक्टूबर। केरल के इडुक्की में आदिमाली के मन्नामकंदम में भूस्खलन के कारण कम से कम आठ मकान ध्वस्त हो गए जिससे 48 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई और उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि यह भूस्खलन जहां हुआ उसके पास ही राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने का काम किया जा रहा था।
उसने बताया कि शनिवार रात हुई इस घटना में मारे गए व्यक्ति की पहचान लक्ष्मवीदु उन्नाथी निवासी बीजू के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया कि जिस आवासीय कॉलोनी में यह घटना हुई वहां लगभग 22 मकान थे और भूस्खलन के खतरे के कारण निवासियों को शनिवार को राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया था।
आदिमाली ब्लॉक पंचायत सदस्य कृष्णमूर्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-85 के चौड़ीकरण के तहत पहाड़ी क्षेत्र से मिट्टी हटाई जा रही थी।
उन्होंने कहा, ‘‘आवासीय कॉलोनी राजमार्ग के नीचे पहाड़ी की ढलान पर स्थित थी। पंचायत अधिकारियों ने भूस्खलन की आशंका के कारण एक नोटिस जारी किया था और 22 परिवारों को शनिवार शाम को आदिमाली स्थानांतरित कर दिया गया था।’’
उन्होंने बताया कि बीजू और उनकी पत्नी संध्या खाना बनाने के लिए देर रात घर लौट आए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘जब वे अपने घर के अंदर थे तभी रात करीब साढ़े 10 बजे पहाड़ी से मिट्टी ढहकर घरों पर गिर गई। बीजू और संध्या अंदर फंस गए। भूस्खलन में करीब आठ मकान जमींदोज हो गए।’’
स्थानीय निवासियों ने पुलिस और अग्निशमन एवं बचाव सेवाओं को सूचित किया जिन्होंने बचाव अभियान शुरू किया।
कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘दोनों मलबे में फंस गए थे। पांच घंटे चले अभियान के बाद उन्हें बाहर निकाला गया लेकिन बीजू की मौत हो गई। संध्या को पहले आदिमाली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे बाद में अलुवा के एक अस्पताल में स्थानांतरित किया गया।
उन्होंने बताया कि संध्या की हालत अब स्थिर है।
निवासियों ने आरोप लगाया कि इस त्रासदी के लिए अवैज्ञानिक तरीके से सड़क का चौड़ीकरण किया जाना जिम्मेदार है।
एक निवासी सुल्फी ने कहा, ‘‘राजमार्ग निर्माण कार्य करने के लिए कोई सुरक्षा कदम उठाए बिना मिट्टी हटाई जा रही है। वे भूस्खलन के खतरे पर विचार किए बिना पहाड़ी ढलानों को साफ कर रहे हैं।’’
स्थानीय निवासी अनस का घर भूस्खलन के कारण पूरी तरह से नष्ट हो गया। उसने कहा कि निवासियों ने पहाड़ी में बड़ी दरारें देखी थीं और पंचायत अधिकारियों को सूचित किया था।
उसने कहा, ‘‘अधिकारियों ने शनिवार सुबह घटनास्थल का निरीक्षण किया था और भूस्खलन के खतरे के कारण हमें मकान खाली करने का नोटिस जारी किया था। हमें आदिमाली सरकारी विद्यालय शिविर में स्थानांतरित कर दिया गया था लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग का काम जारी रहा।’’
उसने कहा कि इस इलाके में रहना अब खतरनाक हो गया है क्योंकि भूस्खलन की आशंका अब भी है।
उसने कहा, ‘‘हमारे पास और कोई ऐसी जगह नहीं है जहां हम जा सकें। हमें नहीं पता कि हमें शिविर में कब तक रहना होगा। सरकार को हमारे पुनर्वास के लिए कदम उठाने चाहिए।’’
मृतक के एक रिश्तेदार ने बताया कि बीजू के बेटे की पिछले साल मौत हो गई थी और उनकी बेटी कोट्टायम में नर्सिंग की छात्रा है।
आदिमाली पुलिस ने बीजू की मौत के संबंध में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। (भाषा)


