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-लिंडसे गैलोवे
साल 2025 में जब दुनिया के कई हिस्सों में युद्ध हो रहे हैं, सीमाओं की सुरक्षा बढ़ाई जा रही है और देशों के बीच व्यापारिक तनाव भी बढ़ रहा है, तब भी कुछ देश ऐसे हैं जो अब भी शांति का झंडा थामे हुए हैं.
2025 की ग्लोबल पीस इंडेक्स (जीपीआई) रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में देशों के बीच संघर्षों की संख्या दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे ज़्यादा हो गई है.
इस साल तीन नए संघर्ष शुरू हुए हैं. इसके बाद कई देशों ने अपनी सैन्य ताक़त बढ़ाने पर ध्यान दिया है.
यह रिपोर्ट इंस्टीट्यूट फ़ॉर इकनॉमिक्स एंड पीस तैयार करता है. इसमें देशों का मूल्यांकन 23 अलग-अलग मानकों के आधार पर किया जाता है.
इनमें बाहरी झगड़े, रक्षा पर ख़र्च, आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद की स्थिति जैसे कारक शामिल होते हैं.
इस लिस्ट में जो देश लगातार टॉप पर बने हुए हैं, वे लगभग 20 सालों से अपनी नीतियों में स्थिरता बनाए हुए हैं. यह दिखाता है कि अगर किसी देश की नीतियां शांतिपूर्ण और स्थिर हों, तो वह लंबे समय तक सुरक्षित रह सकता है.
हमने दुनिया के सबसे शांत देशों के लोगों से बात की ताकि यह समझा जा सके कि उनकी सरकारों की नीतियां और सामाजिक मूल्य उनके रोज़मर्रा के जीवन में शांति और सुरक्षा की भावना को कैसे प्रभावित करते हैं.
आइसलैंड
साल 2008 से अब तक आइसलैंड दुनिया का सबसे शांतिप्रिय देश बना हुआ है.
इस साल इसमें दो प्रतिशत का सुधार दर्ज किया गया है, जिससे यह दूसरे देशों से और आगे निकल गया है.
यहाँ सुरक्षा और भरोसे की भावना लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा है.
इंट्रेपिड ट्रैवल नॉर्थ यूरोप की जनरल मैनेजर इंगा रोस एंटोनियुसदोत्तिर कहती हैं, "सर्दियों का मौसम कभी-कभी मुश्किल होता है. लेकिन लोगों के बीच का अपनापन ही असली सुरक्षा देता है. यहाँ आप रात में अकेले निकल सकते हैं. डर नहीं लगता. कैफ़े और दुकानों के बाहर बच्चे अपनी गाड़ियों में आराम से सोते दिखते हैं जबकि उनके माता-पिता पास में खाना खा रहे होते हैं या काम निपटा रहे होते हैं. यहाँ की पुलिस के पास बंदूक तक नहीं होती."
इंगा कहती हैं कि देश में लैंगिक समानता की नीतियों ने महिलाओं को सुरक्षित और आत्मविश्वासी बनाया है.
वो कहती हैं, "समान अवसर और मज़बूत सामाजिक व्यवस्था समाज को हर किसी के लिए बेहतर और सुरक्षित बनाती है."
इंगा सलाह देती हैं कि अगर आप आइसलैंड की इस शांति को महसूस करना चाहते हैं, तो स्थानीय लोगों की तरह यहाँ का जीवन जिएं.
वो कहती हैं, "गर्म पानी के पूल में तैरें, हॉट टब में अनजान लोगों से बातें करें या किसी पहाड़ पर चढ़ाई करें. असली आइसलैंड आपको उसके संगीत, कला और हर मौसम में बदलती प्रकृति में मिलेगा."
आयरलैंड
बीसवीं सदी के अंत में संघर्षों से गुज़रने के बावजूद आज आयरलैंड शांति और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है.
इस देश को हर साल सैन्यीकरण में कमी और किसी भी तरह के टकराव में गिरावट के लिए ऊंचे अंक मिलते हैं. सामाजिक सुरक्षा और अपराध नियंत्रण के मामले में भी यह दुनिया के 10 सबसे सुरक्षित देशों में शामिल है.
किल्डेयर के रहने वाले और किल्किया कैसल में "डायरेक्टर ऑफ़ एक्सपीरियंस" जैक फिट्ज़सिमन्स बताते हैं, "यहाँ लोग सच में एक-दूसरे का ध्यान रखते हैं. अगर आप किसी अनजान व्यक्ति से मदद मांगें, तो वह आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करेगा."
वो कहते हैं, "यहाँ की दोस्ताना संस्कृति और गहरी सामुदायिक भावना हर किसी को अपनापन महसूस कराती है, चाहे आप छोटे कस्बे में हों या किसी बड़े शहर में. यहाँ की मज़बूत सामाजिक व्यवस्था और सामुदायिक कल्याण पर ध्यान देने से असमानता और तनाव दोनों कम हुए हैं."
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयरलैंड ने सैन्य तटस्थता की नीति अपनाई है. यही वजह है कि यह नेटो का हिस्सा नहीं है.
यहाँ विवादों को बातचीत और कूटनीति के ज़रिए सुलझाने को प्राथमिकता दी जाती है. देश अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा पर भी विशेष ध्यान देता है और पर्यटकों का हमेशा गर्मजोशी से स्वागत करता है.
फिट्ज़सिमन्स कहते हैं, "हमारे यहाँ आतिथ्य संस्कृति का हिस्सा है. विदेशी मेहमानों के प्रति हमारी स्वाभाविक मेहमाननवाज़ी उन्हें हमेशा प्रभावित करती है."
वह कहते हैं, "यहाँ ज़िंदगी की रफ़्तार थोड़ी धीमी है. लोग आज भी बातचीत और कहानियाँ सुनने-सुनाने को अहमियत देते हैं. कभी भी आप किसी किले, शांत जंगल या किसी छोटे पब में बजते पारंपरिक संगीत से ज़्यादा दूर नहीं होते. यही अपनापन और सुकून आयरलैंड को ख़ास बनाता है."
न्यूज़ीलैंड
इस साल न्यूज़ीलैंड दो स्थान ऊपर बढ़कर दुनिया का तीसरा सबसे सुरक्षित देश बन गया है. सुरक्षा और शांति के क्षेत्र में सुधार, साथ ही प्रदर्शनों और आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में कमी इसकी मुख्य वजह रही है.
प्रशांत महासागर में बसा यह सुंदर द्वीपीय देश भौगोलिक रूप से बाहरी संघर्षों से सुरक्षित है. इसकी आंतरिक नीतियाँ नागरिकों में स्थिरता और भरोसे की भावना पैदा करती हैं.
ग्रीनर पास्चर्स फ़र्म की डायरेक्टर मिशा मैनिक्स-ओपि कहती हैं, "न्यूज़ीलैंड के हथियारों से जुड़े क़ानून दुनिया के सबसे सख़्त कानूनों में से हैं और यही लोगों में सुरक्षा की भावना को मज़बूत करते हैं."
वो बताती हैं, "यहाँ बच्चे अकेले स्कूल पैदल जाते हैं. लोग अपने घरों के दरवाज़े खुले छोड़ देते हैं और सड़क किनारे किसी की गाड़ी ख़राब दिखे तो राहगीर ख़ुद मदद के लिए रुक जाते हैं. यहाँ लोगों को व्यवस्था और एक-दूसरे पर पूरा भरोसा है."
मैनिक्स-ओपि कहती हैं, "यहाँ की सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ ही नहीं बल्कि प्रकृति से जुड़ाव भी लोगों की ज़िंदगी का अहम हिस्सा है. लोग समुद्र तट पर सैर करते हैं, जंगलों में पैदल चलते हैं या तारों के नीचे बैठकर शांति का अनुभव करते हैं."
वह कहती हैं, "पोस्टकार्ड जैसे सुंदर नज़ारों से परे, न्यूज़ीलैंड की असली खूबसूरती यहाँ के लोगों में है. माओरी संस्कृति आज भी जीवंत है और ज़िंदगी की धीमी, सुकून भरी रफ़्तार लोगों के सोचने का नज़रिया बदल देती है."
ऑस्ट्रिया
ग्लोबल पीस इंडेक्स में इस साल ऑस्ट्रिया एक स्थान नीचे खिसककर चौथे नंबर पर आ गया है.
आयरलैंड की तरह ऑस्ट्रिया अंतरराष्ट्रीय राजनीति में तटस्थता की नीति पर चलता है. इसी नीति के कारण यह नेटो जैसे सैन्य गठबंधनों से दूर रहता है. ऑस्ट्रिया अपनी ऊर्जा और संसाधन आंतरिक विकास पर केंद्रित करता है.
एसपीए होटल जागधोफ के मालिक आर्मिन फुर्चट्शेलर कहते हैं, "ऑस्ट्रिया की पुरानी तटस्थता नीति का मतलब है कि देश संघर्षों में नहीं उलझता बल्कि अपने लोगों में निवेश करता है. यहाँ मज़बूत सामाजिक ढांचा, अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ और उच्च स्तरीय शिक्षा व्यवस्था लोगों में स्थिरता और भरोसा पैदा करती है."
स्टुबाई घाटी के न्यूस्टिफ्ट में रहने वाले फुर्चट्शेलर बताते हैं, "यहाँ लोग आधी रात को नदी किनारे टहलते हैं, घरों के दरवाज़े खुले रहते हैं और कैफ़े के बाहर साइकिलें बिना ताला लगाए खड़ी रहती हैं. यहाँ सुरक्षा केवल एक आँकड़ा नहीं, बल्कि जीने का अहसास है."
वो कहते हैं, "यहाँ आने वाले लोग कुछ ही दिनों में तनाव से मुक्त हो जाते हैं. सुकून से सोते हैं और प्रकृति से जुड़ जाते हैं. यही इस जगह की असली सुरक्षा है, जहाँ इंसान खुद को पूरी तरह महसूस कर सकता है."
सिंगापुर
सिंगापुर ने इस साल भी छठा स्थान बनाए रखा है और यह शीर्ष 10 में शामिल एकमात्र एशियाई देश है. जापान बारहवें और मलेशिया तेरहवें स्थान पर हैं.
सुरक्षा और व्यवस्था के मामले में सिंगापुर दुनिया के सबसे अग्रणी देशों में गिना जाता है. यहाँ प्रति व्यक्ति रक्षा खर्च बहुत अधिक है. केवल उत्तर कोरिया और क़तर ही इससे आगे हैं.
यहाँ संघर्ष लगभग न के बराबर हैं और मज़बूत आंतरिक सुरक्षा लोगों में गहरी शांति और भरोसे की भावना पैदा करती है.
स्थानीय निवासी शिनरन हान कहते हैं, "मैं देर रात पैदल निकलता हूँ और मुझे कोई डर नहीं लगता. घर लौटना भी वैसा तनावपूर्ण नहीं होता जैसा ज़्यादातर बड़े शहरों में होता है."
वह कहते हैं, "यहाँ लोगों को सिस्टम पर पूरा विश्वास है, जो एक शांत, देखभाल करने वाला और सुकून देने वाला माहौल बनाता है."
हालाँकि एलजीबीटी अधिकारों पर सिंगापुर का रवैया अब भी पारंपरिक है और समलैंगिक विवाह पर रोक बनी हुई है. फिर भी समाज में बदलाव की दिशा में प्रगति दिख रही है.
पिंक डॉट प्राइड फेस्टिवल जैसे आयोजन अब पहले से कहीं बड़े और सुरक्षित माहौल में हो रहे हैं.
इस साल की रैली में लोगों ने पहले की तुलना में खुद को ज़्यादा सुरक्षित महसूस किया क्योंकि युवा सिंगापुरी समाज में स्वीकृति बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
हान आगंतुकों को सलाह देते हैं कि वे यहाँ की सुरक्षा से मिलने वाली स्वतंत्रता का पूरा आनंद लें.
वह कहते हैं, "सुबह दो बजे नदी किनारे टहलें, देर रात स्ट्रीट फूड खाएँ या पार्क में सैर करें, यहाँ सब कुछ बहुत आज़ाद और निश्चिंत महसूस होता है, चाहे आप स्थानीय निवासी हों या पर्यटक." (bbc.com/hindi)


