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पटना, 11 सितंबर। बिहार की राजधानी पटना में बुधवार रात राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव के निर्वाचन क्षेत्र के एक पार्टी कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
मृतक की पहचान वैशाली जिले के राघोपुर निवासी राज कुमार उर्फ अला राय के रूप में हुई है। इस घटना के बाद राजद और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा नीत राजग के बीच विवाद छिड़ गया है।
पटना पूर्वी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) परिचय कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि घटना राजेंद्र नगर इलाके में रात करीब 10 बजे हुई। सूचना मिलने पर पुलिस दल मौके पर पहुंचा और पीड़ित को नजदीकी अस्पताल ले गया, जहां उसकी मौत हो गई।
एसपी ने बताया ,‘‘ घटनास्थल से छह कारतूस बरामद किए गए हैं। हमें संदेह है कि घटना में दो से ज़्यादा लोग शामिल थे। ’’
एसपी ने कहा कि हत्या के पीछे का मकसद अभी पता नहीं चल पाया है।
हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि वह राजनीति और ज़मीन के कारोबार से जुड़ा था।
कुमार ने कहा, ‘‘हम मामले की हर पहलू से जांच कर रहे हैं और सीसीटीवी फुटेज का भी विश्लेषण कर रहे हैं। ’’
उन्होंने यह भी बताया कि राय के ड्राइवर का बयान भी दर्ज किया गया है।
घटना के बाद सियासत गरमा गई। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि अपराधियों को सत्ता पक्ष का संरक्षण प्राप्त है और राज्य के अपराधी उप-मुख्यमंत्रियों के घरों में बैठकर हमलों की योजना बनाते हैं।
उनका इशारा उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी की ओर था।
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समझ खत्म हो चुकी है।
पत्रकारों ने जब सम्राट चौधरी से यादव के आरोप के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि बिहार की जनता अच्छी तरह जानती है कि राघोपुर में किसका हित है और अगर इलाके के किसी व्यक्ति की हत्या होती है तो किसे फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि लालू जी और उनका परिवार सभी प्रकार के हत्यारों और अपराधियों को संरक्षण देने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन बिहार में अब उनका शासन नहीं है।
चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन वाली सरकार इस हत्या की जड़ तक पहुंचेंगी और दोषियों को सजा दिलाएगी। (भाषा)