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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 12 सितंबर। उत्तर बस्तर की चिंतावागु नदी पर पुल नहीं होने से दर्जनों गांवों का संपर्क लंबे समय से कटा हुआ है। इसी को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान याचिका दर्ज की है। गुरुवार को हुई सुनवाई में शासन को दस दिन के भीतर पुल निर्माण से संबंधित वर्क ऑर्डर की जानकारी पेश करने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने पाया है कि दंतेवाड़ा और आसपास के जिलों की गंभीर स्थिति है, जहां बच्चे टूटी पुलिया और उफनती नदियां पार कर स्कूल जाने को मजबूर हैं। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने सुनवाई में कहा कि यह बच्चों की जिंदगी से जुड़ा संवेदनशील मामला है और इसे लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि पुल निर्माण का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। संशोधित डीपीआर 20 अगस्त को गृह मंत्रालय को भेजी गई है। तकनीकी जांच के दौरान 12 बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया था, जिसका समाधान कर दिया गया है। सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने कहा कि बड़ा पुल बनाने का वर्क ऑर्डर जारी किया जा रहा है और निविदा प्रक्रिया जिला स्तरीय समिति के माध्यम से पूरी की गई है।
पिछली सुनवाई में राज्य की ओर से अधिवक्ता ने जानकारी दी थी कि निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन प्रस्ताव 30 प्रतिशत से अधिक होने के कारण प्राधिकारी बोलीदाता से बातचीत कर रहे हैं।