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असम मंत्रिमंडल ने विदेशियों की निष्कासन प्रक्रिया के लिए एसओपी को दी मंजूरी
10-Sep-2025 12:02 PM
असम मंत्रिमंडल ने विदेशियों की निष्कासन प्रक्रिया के लिए एसओपी को दी मंजूरी

गुवाहाटी, 10 सितंबर। असम सरकार के मंत्रिमंडल ने 'विदेशी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950' के तहत राज्य से विदेशियों को हटाने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को मंजूरी दे दी है।

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस अधिनियम के तहत केंद्र सरकार ने जिला आयुक्त (डीसी) और अतिरिक्त जिला आयुक्त (एडीसी) को यह अधिकार दिया है कि वे संदिग्ध विदेशियों को 10 दिन का नोटिस जारी कर दस्तावेज़ प्रस्तुत करने को कह सकते हैं।

शर्मा ने कहा, ‘‘यदि डीसी या एडीसी इस बात से सहमत होते हैं कि संबंधित व्यक्ति विदेशी है, तो 10वें दिन ही निष्कासन आदेश जारी कर दिया जाएगा।’’

उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया अब तक की प्रचलित प्रक्रिया से अलग है और इसमें विदेशी न्यायाधिकरणों (एफटी) की भूमिका नहीं होगी। यह राज्य सरकार के लिए विदेशियों को जल्दी और प्रभावी ढंग से बाहर निकालने का एक सरल तरीका होगा।

हालांकि, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि कोई अधिकारी प्रारंभिक निर्णय नहीं ले पाते हैं या उन्हें संदेह होता है, तो मामला विदेशी न्यायाधिकरण को भेजा जाएगा।

मुख्यमंत्री के अनुसार, एसओपी का मसौदा उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ के आदेश और गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुपालन में तैयार किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘कैबिनेट ने एसओपी को मंजूरी दी है, ताकि जिला आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को अवैध प्रवासियों को राज्य से निष्कासित करने और पड़ोसी देशों से जारी अवैध घुसपैठ पर रोक लगाने में मार्गदर्शन मिल सके, जिससे असम के मूल निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।’’

मुख्यमंत्री ने बताया कि यदि पुलिस या किसी अन्य स्रोत से सूचना मिलती है कि कोई व्यक्ति अवैध प्रवासी है, तो डीसी या एडीसी संबंधित व्यक्ति को 10 दिन के भीतर नागरिकता से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहेंगे।

उन्होंने कहा कि यदि प्रस्तुत साक्ष्य असंतोषजनक पाए जाते हैं, तो अधिकारी लिखित रूप में अपनी राय दर्ज करेंगे और संबंधित व्यक्ति को 'अवैध प्रवासी' घोषित करते हुए संक्षिप्त तथ्यों और कारणों सहित निष्कासन आदेश जारी करेंगे।

यह आदेश अधिनियम की धारा 2(क) के तहत जारी किया जाएगा, जिसमें संबंधित व्यक्ति को 24 घंटे के भीतर राज्य छोड़ने का निर्देश दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यदि वह व्यक्ति स्वेच्छा से राज्य नहीं छोड़ता, तो डीसी संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की सहायता से उसे निरुद्ध केंद्र में भेजेगा या निकटतम सीमा सुरक्षा बल को सौंप देगा।’’

उन्होंने बताया कि जो अवैध प्रवासी ‘‘जीरो लाइन’’ के पास या राज्य में प्रवेश के 12 घंटे के भीतर पकड़े जाते हैं, उन्हें तत्काल सीमा पार वापस भेजा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अब तक 30,128 विदेशियों को वापस भेजा जा चुका है, हालांकि उन्होंने इस आंकड़े की समयावधि स्पष्ट नहीं की। (भाषा)


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