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बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न (एसआईआर) प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में चुनाव आयोग को दोबारा निर्देश दिया कि बिहार में चल रहे एसआईआर के लिए पहचान पत्र के तौर पर आधार को भी स्वीकार किया जाए.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्या बागची की पीठ ने कहा कि आधार को 12वें दस्तावेज़ के रूप में शामिल किया जाना चाहिए.
चुनाव आयोग ने एसआईआर के लिए 11 दस्तावेज़ तय किए थे, जिनमें आधार शामिल नहीं था.
वहीं एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने पत्रकारों से कहा, "आज मैंने अलग से एक आवेदन दायर किया कि जिन पांच राज्यों में 2026 में चुनाव हैं, वहां तत्काल एसआईआर शुरू किया जाए."
उन्होंने कहा, "असम, बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी, इन पांच राज्यों में अगले साल चुनाव होना है. इसलिए मैंने मांग की कि इस पर तत्काल एसआईआर शुरू किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है और अगले सोमवार (15 सितंबर) को इस पर फिर सुनवाई होगी."
अश्विनी उपाध्याय ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस दौरान अपनी तैयारी पूरी कर लेगा और अगली सुनवाई से पहले इन पांच राज्यों में एसआईआर की टाइमलाइन घोषित कर देगा." (bbc.com/hindi)