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सिविल कोर्ट का आदेश रद्द किया हाईकोर्ट ने, सीमांकन के लिए आयुक्त नियुक्त होगा
06-Sep-2025 12:03 PM
सिविल कोर्ट का आदेश रद्द किया हाईकोर्ट ने, सीमांकन के लिए आयुक्त नियुक्त होगा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 6 सितंबर। जमीन विवाद के एक मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सिविल जज वर्ग-2 के आदेश को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जमीन का सीमांकन कराना जरूरी है और इसके लिए आयुक्त नियुक्त किया जाए।

मामला तखतपुर के गनियारी गांव का है। यहां के दो नाबालिग लोकेश कुमार और हेमंत कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनका कहना था कि उनके पिता ने 24 मार्च 2017 को खोरबहरा साहू से 2 लाख रुपये में जमीन खरीदी थी। रजिस्टर्ड सेल डीड और नामांतरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जमीन उनके पिता के नाम पर दर्ज भी हो गई थी। पिता की मौत के बाद दोनों बेटों को इस जमीन का स्वामित्व और कब्जा मिला।

याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि गौतम प्रसाद, जनक राम, सुरेश साहू समेत कुछ लोगों ने उनकी जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान और आंगन का निर्माण शुरू कर दिया। उन्होंने सीपीसी के आदेश 26 नियम 9 के तहत स्थानीय आयुक्त नियुक्त करने की मांग की थी, लेकिन सिविल जज वर्ग-2 ने बिना ठोस कारण बताए उनका आवेदन खारिज कर दिया।

हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के हरियाणा वक्फ बोर्ड बनाम शांति स्वरूप मामले का हवाला देते हुए कहा कि जब विवाद सीमांकन से जुड़ा हो तो आयुक्त की नियुक्ति अनिवार्य होती है। निचली अदालत का आदेश गलत मानते हुए हाई कोर्ट ने उसे निरस्त कर दिया और निर्देश दिया कि सीमांकन के लिए आयुक्त नियुक्त किया जाए।

वहीं, प्रतिवादियों ने तर्क दिया कि यहां सीमांकन को लेकर कोई विवाद नहीं है और वे अपने स्वामित्व के सबूत पेश कर सकते हैं।

 


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