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अब गाइड लाइन दर से तय होगा संपत्ति कर, हर साल बढ़ोतरी भी
08-Sep-2025 10:13 PM
अब गाइड लाइन दर से तय होगा संपत्ति कर, हर साल बढ़ोतरी भी

नगरीय विकास विभाग बना रहा फार्मूला और नियम

लागू न करने वाले निकायों को नहीं मिलेगा वित्त आयोग का ग्रांट

‘छत्तीसगढ़’ एक्सक्लूजिव : पी श्रीनिवास राव की रिपोर्ट-

रायपुर, 8 सितंबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। राज्य का नगरीय प्रशासन विभाग  एरिया रेंटल वैल्यू जिसे सामान्य भाषा में संपत्ति कर कहा जाता है  को जमीन की गाइड लाइन दर से जोड़ कर संशोधित करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए विभाग ने तैयार फार्मूले पर पहले निगमायुक्तों, सीएमओ से बैठकों के बाद दो दिन पहले महापौर, पालिका अध्यक्षों से रायशुमारी कर ली है। सब कुछ सामान्य रहा तो नए वित्त वर्ष से इसे लागू किया जा सकता है।

बताया गया है कि देश भर में यह एआरवी, गाइड लाइन दर से जोड़ दिया गया है। केवल छत्तीसगढ़ पिछड़ गया है। ऐसा न करने पर निकायों को केंद्रीय वित आयोग से मिलने वाले ग्रांट मुश्किल में पड़ेगा। इतना ही नहीं जिन निकायों में लागू नहीं होगा उसका ग्रांट दूसरे निकाय को दिया जा सकता है। बता दें कि आवास पर्यावरण विभाग जिस तरह से अमूमन हर वर्ष गाइड लाइन दर अधिसूचित करता है उसी तरह से एआरवी की दरें भी सालाना संशोधित हुआ करेंगी।

पूरे छत्तीसगढ़ में यह एआरवी हर निकाय वाले शहर में अलग-अलग है। इतना ही नहीं एक ही शहर के अलग-अलग इलाकों में भी अलग-अलग है। मसलन सदर बाजार में यह 40 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, तो स्वर्ण भूमि में एआरवी 10 रुपए है। वहीं कोरबा, भिलाई में 65-65 रूपए और अंबिकापुर में 2 रूपए। इसके चलते संपत्ति कर का भी बड़ा अंतर है। सदर बाजार रायपुर में 1000 वर्ग फीट का संपत्ति कर 40 हजार वार्षिक होता है तो स्वर्ण भूमि में 3200 वर्ग फीट का रहवासी मात्र 2000 रूपए प्रापर्टी टैक्स देता। इसी तरह से सुंदर नगर के बाशिंदे को यह 10 हजार रुपए पड़ता है। नगर पालिका, पंचायत की दर पर नजर डालें तो 0-5000 वर्ग फीट की जमीन, या बने मकान पर 15 रुपये, 7500 वर्ग फीट पर 17.50 रुपये है।

इस विसंगति को दूर करने ही एआरवी में नया फार्मूला बनाया जा रहा है। इसके बाद नियम बनाकर लागू करने निकायों को दिए जाएंगे। नगरीय प्रशासन विभाग, गाइड लाइन दर पर एआरवी संशोधन कर रहा है। इसके मुताबिक अब  खुली भूमि का टैक्स कम किया जा रहा है। ताकि लोग स्वयं होकर भुगतान करें। इससे बहुतों का प्रापर्टी टैक्स कम होगा। रायपुर में यह संशोधन अंतिम बार 2007-08 में हुआ था। उसके बाद से नई दरें लागू नहीं हो पाई। इस बीच केंद्र ने एआरवी का फार्मूला लाया। अब इसे, लागू नहीं करने पर वित्त आयोग का पैसा नहीं मिलेगा।  आयोग और केंद्रीय शहरी विकास विभाग ने राज्यों और निकायों से कहा है कि जो निकाय अपने कर राजस्व में हर वर्ष 10 फीसदी की बढ़ोतरी करेंगे। यह एआरवी हर साल रिन्यू करना होगा। उन्हें ही वित आयोग का ग्रांट मिलेगा। इसके लागू होने के बाद विभाग प्रापर्टी टैक्स सिस्टम को आनलाइन प्लेटफार्म पर भी लाने जा रहा है।

सूत्रों ने बताया कि अगले कुछ महीनों में, गाइड लाइन आधारित एआरवी निर्धारण फार्मूला और नियम बनाकर विधानसभा के बजट सत्र में पेश किया जाएगा। उसके बाद 1 अप्रैल से लागू किया जाएगा।


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