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'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 8 सितंबर । क्षेत्रीय विकास को नई गति देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में वाणिज्य एवं उद्योग विभाग 11 सितंबर को बस्तर में इन्वेस्टर कनेक्ट का आयोजन करने जा रहा है। यह प्रमुख निवेश संवर्धन पहल इससे पहले दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, रायपुर तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टोक्यो, ओसाका और सियोल में सफलतापूर्वक आयोजित की जा चुकी है। इन आयोजनों के माध्यम से नवंबर 2024 से अब तक ₹6.65 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। राज्य सरकार अब छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट के माध्यम से निवेश संभावनाओं को बस्तर तक ले जा रही है, जो प्रदेश के सबसे गतिशील और संभावनाशील क्षेत्रों में से एक है।
छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024–30 के अंतर्गत ₹1000 करोड़ से अधिक निवेश करने वाली अथवा 1000 से अधिक रोजगार सृजित करने वाली परियोजनाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। इस नीति में औषधि निर्माण, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र उद्योग, आईटी एवं डिजिटल तकनीक, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस व डिफेंस और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। पर्यटन को भी उद्योग का दर्जा प्रदान किया गया है, जिसके तहत बस्तर में होटल, इको-टूरिज़्म, वेलनेस सेंटर, एडवेंचर स्पोर्ट्स और खेल सुविधाओं जैसी परियोजनाओं पर 45 प्रतिशत तक सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। उल्लेखनीय है कि बस्तर के 88 प्रतिशत ब्लॉक ग्रुप-3 श्रेणी में आते हैं, जिससे निवेशकों को अधिकतम नीति लाभ सुनिश्चित हो सकेगा।
समावेशन को बढ़ावा देने के लिए इस नीति में विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत एससी/एसटी उद्यमियों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी, वहीं नक्सलवाद से प्रभावित परिवारों और व्यक्तियों को भी 10 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। एक अभिनव पहल के रूप में, नई औद्योगिक इकाइयों में आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने पर पाँच वर्षों तक उनके वेतन पर 40 प्रतिशत सब्सिडी (अधिकतम ₹5 लाख प्रतिवर्ष) उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही, बस्तर में स्टील सेक्टर की इकाइयों को 15 वर्षों तक रॉयल्टी रीइम्बर्समेंट की सुविधा प्रदान की जाएगी, जिससे निवेशकों को दीर्घकालिक भरोसा मिलेगा और औद्योगिक विकास को स्थिरता प्राप्त होगी।
सरकार को उम्मीद है कि बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट में देश-विदेश से 200 से अधिक प्रमुख निवेशक, उद्योग जगत के दिग्गज और स्थानीय उद्यमी शामिल होंगे। यह आयोजन सहयोग और विकास का एक उच्च-स्तरीय मंच साबित होगा। इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर होने की भी संभावना है, जो बस्तर की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव सिद्ध होंगे।