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राजग बिहार विधानसभा चुनाव जीत सकता है, बशर्ते कोई आत्मघाती कदम न उठाया जाए: कुशवाहा
06-Sep-2025 10:01 AM
राजग बिहार विधानसभा चुनाव जीत सकता है, बशर्ते कोई आत्मघाती कदम न उठाया जाए: कुशवाहा

पटना, 5 सितंबर। राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के अध्यक्ष एवं सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पास अच्छा मौका है, बशर्ते कोई आत्मघाती कदम न उठाया जाए।

कुशवाहा शुक्रवार को राजधानी पटना में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) नेता जगदेव प्रसाद की पुण्यतिथि पर आयोजित एक रैली को संबोधित कर रहे थे। जगदेव प्रसाद को अक्सर ‘‘बिहार का लेनिन’’ कहा जाता था।

दिवंगत नेता की ही कोइरी जाति से ताल्लुक रखने वाले कुशवाहा ने कहा, ‘‘हमने पिछले साल लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन अगर कोई आत्मघाती कदम न उठाया होता तो और बेहतर परिणाम मिल सकते थे। विधानसभा चुनाव में भी शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि इस बार कोई आत्मघाती कदम न उठाया जाए।’’

उन्होंने यह टिप्पणी 2024 लोकसभा चुनाव में काराकाट सीट से अपनी हार के संदर्भ में की। वर्ष 2014 में यह सीट जीतने वाले कुशवाहा 2024 में तीसरे स्थान पर रहे थे।

बाद में कुशवाह ने आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल से उन्हें भाजपा का टिकट नहीं मिलने के बाद भाजपा की बिहार इकाई के कुछ नेताओं ने भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह को काराकाट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने में मदद की थी।

उस सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन उम्मीदवार राजा राम कुशवाहा विजयी हुए थे। हालांकि चुनाव के बाद उपेंद्र कुशवाहा को भाजपा कोटे से राज्यसभा भेजा गया।

कुशवाहा ने संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन की मांग दोहराते हुए कहा, ‘‘यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। अगर परिसीमन सही तरीके से किया जाए तो बिहार को बहुत लाभ होगा। जनसंख्या के हिसाब से राज्य को मौजूदा 40 की जगह 60 लोकसभा सीटें मिलनी चाहिए।’’

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि किसी भी पार्टी का नया नेतृत्व उसकी राजनीतिक विरासत से उभरना चाहिए।

उन्होंने नीतीश कुमार के बेटे निशांत का नाम लिए बिना इशारा किया और कहा, ‘‘जब ऐसा नहीं होता, तो दल का हश्र वैसा ही होता है जैसा कभी मजबूत रही संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी का हुआ था।’’

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की आलोचना करते हुए कुशवाहा ने कहा, ‘‘इस यात्रा की सफलता का जश्न उन्होंने कुछ करीबी लोगों और परिवार के साथ मनाया। गंगा किनारे नाचने से सफलता की गारंटी नहीं मिलती। अगर ऐसा होता, तो देश का सबसे बड़ा डांसर प्रधानमंत्री बन जाता।’’ (भाषा)


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