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बेंगलुरु, 5 सितंबर। वर्ष 2022 के बाद भारत में दिखाई देने वाला सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण सात सितंबर की रात को होगा। खगोलविदों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 27 जुलाई, 2018 के बाद यह पहली बार होगा जब देश के सभी हिस्सों से पूर्ण चंद्रग्रहण देखा जा सकेगा।
भारतीय खगोलीय सोसाइटी (एएसआई) की जनसंपर्क और शिक्षा समिति (पीओईसी) की अध्यक्ष और नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स, पुणे में एसोसिएट प्रोफेसर दिव्या ओबेरॉय ने कहा, ‘‘आपको इसके बाद इतने लंबे चंद्रग्रहण को देखने के लिए 31 दिसंबर, 2028 तक इंतजार करना होगा।’’
ओबेरॉय ने बताया कि ग्रहण दुर्लभ होते हैं तथा हर पूर्णिमा या अमावस्या को नहीं होते, क्योंकि चंद्रमा की कक्षा सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा से लगभग पांच डिग्री झुकी हुई है। चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे उसकी छाया चंद्र सतह पर पड़ती है।
पीओईसी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक ग्रहण की शुरुआत सात सितंबर को रात 8.58 बजे शुरू होगी।
भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान में विज्ञान, संचार, जनसंपर्क और शिक्षा (स्कोप) अनुभाग के प्रमुख निरुज मोहन रामानुजम ने बताया कि सूर्य ग्रहण के विपरीत, पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है और इसे नंगी आंखों, दूरबीन या टेलीस्कोप से सुरक्षित रूप से देखा जा सकता है। आंशिक चंद्र ग्रहण सात सितंबर को रात 9.57 बजे से देखा जा सकता है।
जवाहरलाल नेहरू तारामंडल की पूर्व निदेशक बीएस शैलजा ने बताया कि पूर्ण चंद्रग्रहण 11.01 बजे शुरू होने की संभावना है।
मोहन ने बताया, ‘‘पूर्ण चंद्र ग्रहण रात 11.01 बजे से रात 12.23 बजे तक रहेगा और इसकी अवधि 82 मिनट की होगी। आंशिक चरण रात 1.26 बजे समाप्त होगा और ग्रहण सात सितंबर देर रात 2.25 बजे समाप्त होगा।’’ (भाषा)