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बिहार में चुनाव आयोग के स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न (एसआईआर) को लेकर बुधवार को बिहार विधानसभा में हंगामा देखने को मिला.
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "हम एसआईआर प्रक्रिया का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल ज़रूर है."
उन्होंने कहा, "स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न पर अपनी बात रखने का मौक़ा सभी दलों को मिलना चाहिए. लालू जी कहते हैं- वोट की चोट लोकतंत्र का अधिकार है. चुनाव आयोग को निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए."
उन्होंने सवाल किया, "2003 में इसी प्रक्रिया को पूरा करने में डेढ़ साल लग गया था. अभी बिहार में बारिश का समय है, लोग कैसे फॉर्म भरेंगे?"
तेजस्वी ने कहा, "आधार और राशन कार्ड को इस प्रक्रिया से क्यों नहीं जोड़ा जा रहा? लोगों को बांग्लादेशी, नेपाली और म्यांमारी कहा जा रहा है, ये बहुत ही आपत्तिजनक है."
उन्होंने कहा, "जिन वोटर्स ने पिछले बिहार चुनाव में वोट दिया, क्या वे फ़र्ज़ी हैं? इसका मतलब क्या यह है कि नीतीश कुमार फ़र्ज़ी तरीके़ से चुनकर मुख्यमंत्री बने? "
तेजस्वी यादव की बातों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी निंदा की.
उन्होंने विधानसभा में कहा, "जब तुम्हारी उम्र कम थी तो तुम्हारे माता-पिता मुख्यमंत्री रहे. उस समय की स्थिति पता है? हमने आपको (महागठबंधन) छोड़ दिया क्योंकि आप लोग अच्छा काम नहीं कर रहे थे."
उन्होंने कहा, "इस साल चुनाव होने वाला है. हमारी सरकार ने बहुत काम किया है. हमने महिलाओं के लिए बहुत काम किया. आरजेडी ने मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया. हमने मुसलमानों के लिए काम किया. तुम बच्चा हो. तुम क्या जानते हो?" (bbc.com/hindi)