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48 चिटफंड कंपनियों पर 38 हजार को ठगने की शिकायत, नीलामी में देरी
25-Jul-2025 7:55 PM
48 चिटफंड कंपनियों पर 38 हजार को ठगने की शिकायत, नीलामी में देरी

40 करोड़ की प्रापर्टी कुर्क, लेकिन...

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 25 जुलाई। प्रदेश में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ ठगी की शिकायत अब भी जारी है। पिछले डेढ़ साल में 48 चिटफंड कंपनियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इनमें 24 नई कंपनियां हैं। इन कंपनियों ने 38 हजार से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बनाया है, और पौने दो करोड़ से अधिक राशि ठगे हैं। खास बात यह है कि चिटफंड कंपनियों से पीडि़तों को रकम वापसी में प्रशासनिक अड़चन के चलते देरी हो रही है, और कंपनियों की 40 करोड़ की प्रापर्टी कुर्क होनेे के बाद नीलामी नहीं हो पाई है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिलों में करीब सौ करोड़ से अधिक की प्रापर्टी की कुर्की के आदेश के बाद भी आगे की कार्रवाई नहीं हो पाई है। यद्यपि पिछले सालों की तुलना में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ ठगी की शिकायत कमी आई है। बताया गया कि चिटफंड के बजाय ऑनलाइन ठगी के प्रकरणों में तेजी से इजाफा हो रहा है। इससे परे प्रदेश में डेढ़ साल में 48 चिटफंड कंपनियों के खिलाफ ठगी की शिकायत आई है। इनमें एक करोड़ 79 लाख 35 हजार रुपये  करीब 38 हजार से अधिक लोगों से ठगे गए हैं।

पुलिस के एक आला अफसर ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में बताया कि ठगी की ज्यादातर शिकायतें उन्हीं कंपनियों के खिलाफ हैं, जिनके खिलाफ पहले से प्रकरण दर्ज हैं। हालांकि 24 ऐसी चिटफंड कंपनियां हैं जिनके खिलाफ पहले प्रकरण दर्ज नहीं थे। चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क करने के लिए पहल की गई है, और 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क करने के प्रकरण जिलों में लंबित हैं।

सूत्रों के मुताबिक चिटफंड पीडि़तों को संपत्ति कुर्क होने के बाद नीलामी की राशि को लौटाने का प्रावधान है। मगर इस दिशा में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। बताया गया कि पिछले डेढ़ साल में चिटफंड कंपनियों के 147 संचालकों, और 118 अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। अब तक संपत्ति नीलामी के बाद 2 करोड़ 15 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई है। जिसे बांटा जाना है। बताया गया कि 32 चिटफंट प्रकरणों में संपत्ति की चिन्हांकन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। कुर्की की कार्रवाई न्यायालीन प्रक्रिया होने के कारण धन वापसी की जाएगी।


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