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नयी दिल्ली, 18 जुलाई। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों की शनिवार को ऑनलाइन बैठक होगी, जिसमें संसद के मानसून सत्र में सरकार को घेरने की साझा रणनीति और देश के वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा की जाएगी।
इस बैठक से एक दिन पहले, आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को ‘इंडिया’ गठबंधन से दूरी बनाते हुए कहा कि वह अब विपक्षी गठजोड़ का हिस्सा नहीं है और इसका नेतृत्व करने में कांग्रेस पार्टी की भूमिका पर सवाल उठाया।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान पहलगाम आतंकी हमले के हमलावरों के अब तक न्याय के कठघरे से बाहर रहने, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कुछ रक्षा अधिकारियों के खुलासे, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावे और चीन के विषय पर कम से कम दो दिनों की चर्चा होनी चाहिए तथा इस मांग को लेकर कोई समझौता नहीं हो सकता।
रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा कि विपक्ष यह मांग भी करेगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन में आकर इन विषयों पर जवाब दें।
उन्होंने कहा कि संसद में गतिरोध टालना और कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी विपक्ष की नहीं, सरकार की है।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से आरंभ हो रहा है और 21 अगस्त कुल 21 बैठकें प्रस्तावित हैं।
विपक्षी दलों की यह बैठक शनिवार शाम सात बजे ऑनलाइन माध्यम से होगी।
‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं की बैठक लंबे समय बाद हो रही है।
पहले यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास ‘10 राजाजी मार्ग’ पर होनी थी, लेकिन कुछ प्रमुख नेताओं की दिल्ली में अनुपलब्धता के कारण यह बैठक डिजिटल माध्यम से बुलाई गई है और आने वाले दिनों में विपक्ष के प्रमुख नेताओं की एक साथ मौजूदगी में भी बैठक हो सकती है।
विपक्षी दल इस बैठक में बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), पहलगाम आतंकवादी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अचानक से ‘‘रोके जाने’’, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावे और कुछ अन्य विषयों पर चर्चा करेंगे।
विपक्ष से जुड़े सूत्रों का कहना है कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ सत्तापक्ष की तरफ से महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने की संभावना को लेकर भी चर्चा हो सकती है, हालांकि कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि वह प्रस्ताव के समर्थन में है और उसके सांसद हस्ताक्षर करेंगे।
न्यायमूर्ति वर्मा के आवासीय परिसर में आग लगने की घटना के बाद वहां से नोटों की जली हुई गड्डियां मिलने के कारण वह विवादों में घिर गए हैं। (भाषा)