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नयी दिल्ली, 18 जुलाई। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के एक अधिकारी को एक किसान से एक करोड़ रुपये की रिश्वत कथित तौर पर मांगने के लिए गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि आरोपी अधिकारी ने किसान को झूठे आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी देकर रिश्वत मांगी थी।
उन्होंने बताया कि सीबीआई ने मध्यप्रदेश के उज्जैन में तैनात अधिकारी महेंद्र सिंह को उसके साथी जगदीश मेनारिया के साथ कुल रिश्वत में से तीन लाख रुपये लेते हुए गिरफ्तार किया।
जांच एजेंसी ने बताया कि अधिकारी ने एक किसान के खेत से 400 किलोग्राम अफीम की भूसी कथित तौर पर जब्त की थी।
सीबीआई के मुताबिक, मेनारिया ने बाद में किसान से संपर्क कर उसे जब्ती की जानकारी दी।
सीबीआई द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी में आरोप लगाया गया, “सिंह ने जगदीश मेनारिया के माध्यम से किसान और उसके परिवार के सदस्यों को मादक पदार्थों के मामले में न फंसाने के एवज में एक करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी और धमकी दी कि अगर उसने रिश्वत के रुपये नहीं दिये तो वह उन्हें आपराधिक मामले में फंसाकर जेल भिजवा देगा।”
किसान ने सीबीआई का सहारा लिया और उसने शिकायत दर्ज कराई जिसमें आरोप लगाया कि वह मार्च से अब तक किश्तों में लगभग 44 लाख रुपये दे चुका है।
किसान ने आरोप लगाया कि मेनारिया ने फिर से उससे संपर्क किया और सिंह की ओर से उसे किसी अन्य मामले में फंसाने की धमकी देते हुए नौ लाख रुपये और मांगे।
एजेंसी ने गोपनीय सत्यापन प्रक्रिया के बाद रिश्वतखोरी के आरोपों को प्रमाणित करने वाले सबूत पाए।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने एक जाल बिछाया और कथित तौर पर रिश्वत के लेन-देन के समय छापेमारी कर सिंह और मेनारिया को गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच एजेंसी के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “सीबीआई ने 17 जुलाई, 2025 को जाल बिछाया और बिचौलिए को अधिकारी की ओर से शिकायतकर्ता से तीन लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। बिचौलिए के पास से रिश्वत की राशि बरामद कर ली गई। यह राशि उसने अधिकारी के निर्देश पर रिश्वत के रूप में ली थी।”
उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को राजस्थान और मध्यप्रदेश में तीन स्थानों पर आरोपियों के परिसरों पर छापेमारी की गयी। (भाषा)