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शिकायत होने पर शिक्षा सचिव ने कलेक्टर से मांगा प्रतिवेदन
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 15 जुलाई। रिश्वत लेने के आरोपों में पहले हटाए गए शिक्षा अधिकारी विजय तांडे को अब बिलासपुर जिले का प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बना दिया गया है। सोमवार को उन्होंने अपना कार्यभार भी संभाल लिया। मामला सामने आने के बाद अब राज्य सरकार ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी है।
विजय तांडे पहले कोटा ब्लॉक के बीईओ थे। वहां पदस्थ रहने के दौरान विधवा शिक्षिका नीलम भारद्वाज से 1.24 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगा था। यह पैसा बीईओ कार्यालय की क्लर्क एकादशी पोर्ते ने लिया था। शिकायत 3 मार्च को जनदर्शन कार्यक्रम में तत्कालीन कलेक्टर से की गई थी।
शिकायत के बाद तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई गई। 21 मार्च को सौंपी गई रिपोर्ट में बीईओ विजय तांडे और क्लर्क दोनों को दोषी पाया गया। जांच में सामने आया कि यह रकम शिक्षिका के खाते में जमा नहीं कर के तांडे ने अपने खाते में जमा करवा ली थी, और कई महीनों तक पैसा वहीं पड़ा रहा।
इसके अलावा, विजय तांडे पर एक शिक्षक को गलत स्कूल में जॉइनिंग दिलाने का भी आरोप है। सितंबर 2022 में जब प्रदेशभर में शिक्षकों के तबादले हुए थे, तब बिल्लीबंद स्कूल के शिक्षक शैलेश यादव का तबादला बिल्हा के धौराभाठा स्कूल में हुआ था। लेकिन तांडे ने उन्हें कोटा के धौराभाठा स्कूल में पदस्थ करवा दिया और 17 अक्टूबर 2022 को आदेश भी जारी कर दिया।
जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने और विभागीय जांच की अनुशंसा के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, उल्टे उन्हें जिले की सबसे बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। शिक्षा सचिव ने कलेक्टर से इस पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है।