ताजा खबर

ब्लैक लिस्टेड कंपनियों पर एफआईआर क्यों नहीं...
15-Jul-2025 5:23 PM
ब्लैक लिस्टेड कंपनियों पर एफआईआर क्यों नहीं...

जल जीवन मिशन के कार्यों पर सदन में शोर शराबा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 जुलाई।
जल जीवन मिशन के कार्य में अनियमितता पर सात फर्मों के खिलाफ कार्रवाई का मामला मंगलवार को विधानसभा में उठा। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि ब्लैक लिस्टेड सात कंपनियों में से सिर्फ एक के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है, बाकी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई है। 

प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य कौशिक के सवाल के जवाब में पीएचई मंत्री अरूण साव ने बताया कि राज्य स्तरीय उच्च पॉवर समिति की अनुशंसा पर  मेसर्स विजय वी सालुंखे, मेसर्स एके कंस्ट्रक्शन, मेसर्स विक्रम टेली इंफ्रा, मेसर्स गणपति कंस्ट्रक्शन, मेसर्स आनंद कंस्ट्रक्शन रायपुर, मेसर्स धर्मेश कुमार, मेसर्स सोमबंसी इनवायरों के खिलाफ निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ी पर तीन वर्ष के लिए जल जीवन मिशन के कार्यों से वंचित किया गया, और अनुबंध निरस्त किया गया। 

 

उन्होंने बताया कि मेसर्स विजय वी सालुंखे के खिलाफ रायपुर के सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज किया गया। पीएचई मंत्री ने बताया कि प्रदेश के कुल 11 समूह जल प्रदाय योजनाओं की निविदाओं में अनुभव प्रमाण पत्र के कुटरचित पाए जाने के कारण जल प्रदाय योजनाओं के अनुबंध को निरस्त किया गया है। भाजपा सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए। कांग्रेस सदस्य ने देवेन्द्र यादव ने आरोप लगाया कि एफआईआर होने के बावजूद फर्मों को भुगतान कर दिया गया। इस पूरे मामले में पीएचई मंत्री ने बताया कि संचालक जल जीवन मिशन में सभी जिलों को लिखा था कि  यहां भी काम पूर्णत: की ओर हो, वहां अधिकतम 70 फीसदी राशि का भुगतान किया जा सकता है। चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, और देवेन्द्र यादव के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई। 


अन्य पोस्ट