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कांकेर में नाला पार कर स्कूल जाते छात्रों की घटनाओं पर भी लिया संज्ञान
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 15 जुलाई। छत्तीसगढ़ में हाल ही में घटी दो घटनाओं के संदर्भ में बच्चों की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट ने गंभीर चिंता जताई है। जांजगीर-चांपा जिले में तालाब में डूबने से चार बच्चों की मौत और कांकेर जिले में नाला पार कर स्कूल जाते बच्चो को लेकर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस विभु दत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने सोमवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि हादसों के लिए भले ही सरकार सीधे तौर पर जिम्मेदार न हो, लेकिन बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है।
जांजगीर-चांपा जिले के भैंसतरा गांव में बीते शनिवार को स्कूल से लौटते वक्त तालाब में नहाने गए भाई-बहन समेत चार बच्चों की डूबकर मौत हो गई थी। कोर्ट ने इस घटना को बेहद दर्दनाक बताया और कहा कि चार मासूम बच्चों की जान जाना बेहद दुखद और चिंताजनक है। कोर्ट ने इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत शपथ पत्र देकर जवाब देने को कहा है।
कोर्ट ने एक और मामले को संज्ञान में लिया है। कांकेर जिले के केसालपारा गांव के बच्चे रोज नाला पार कर स्कूल जाते हैं। यहां मिडिल स्कूल गांव में नहीं है, इसलिए बच्चों को कनागांव जाना पड़ता है। बीच में एक गहरा और तेज बहाव वाला नाला है, जिसे बारिश में पार करना बच्चों के लिए जानलेवा खतरा बन जाता है।
स्थानीय लोग कई बार पुल बनाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं। कोर्ट ने इसे गंभीर स्थिति मानते हुए सरकार से इस पर भी जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट ने इन दोनों मामलों को मीडिया रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान में लिया है और मुख्य सचिव को 29 जुलाई तक जवाब देने को कहा है।