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फैक्ट्री संचालकों पर एफआईआर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 जुलाई। उत्तर प्रदेश 97 लोगों को बंधुआ बनाकर रखने के मामले में जिला प्रशासन ने मशरूम फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिया गया है।
बताया गया कि इन सभी को घरेलू काम के लिए लाया गया था, लेकिन खरोरा के पास मशरूम फैक्ट्री में मारपीट, बिना वेतन के काम लिया जा रहा था। गुरुवार की रात सभी गोंदिया -बरौनी ट्रेन से उत्तरप्रदेश के लिए रवाना किया गया।
श्रम विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक महिला बाल विकास अधिकारी और श्रम अधिकारी की मौजूदगी में मजदूरों को फैक्ट्री संचालकों ने गुरुवार की रात बकाया मजदूरी का भुगतान किया है।
बताया गया कि खरोरा के पास ग्राम सिलतराई स्थित मशरूम फैक्ट्री के संचालक विपिन तिवारी, विकास तिवारी, और नितेश तिवारी हैं, जो कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मछलीसार के रहवासी हैं। इन सभी के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।
उन पर आरोप है कि उन्होंने जौनपुर के आसपास से लोगों को यहां लेकर आए थे, और बिना काम के बंधक बनाकर रखा।
मार-पिटाई के बाद ये भागकर किसी तरह भाटागांव बस स्टैंड के पास पहुंचे। वहां दो व्यक्ति तूफान पांडे और मिश्रा ने उनकी मदद की पुलिस को सूचना दी। इसके श्रम और महिला बाल विकास विभाग की टीम ने फैक्ट्री में मौजूद बाकी मजदूरों को रेस्क्यू कराया।गुरुवार की रात सभी को रायपुर लाकर इंडोर स्टेडियम में रखा गया था। उनके भोजन की व्यवस्था की गई थी।इस मामले पर
बचपन बचाओ आंदोलन के विपिन ठाकुर ने 'छत्तीसगढ़' से चर्चा में बताया कि ये सभी मजदूर हर हाल में अपने गांव जाना चाहते थे इसलिए उन्हें गोंदिया-बरौनी ट्रेन से जौनपुर के लिए रवाना किया गया। जौनपुर जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी गई है।
मजदूरों से जौनपुर के निगोहे रहवासी रवि खिलाड़ी और अन्य लोगों ने एसएसपी के नाम विपिन और विकास व नितेश तिवारी के खिलाफ शिकायत की थी।