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ऐसे ‘लकड़बग्घे’ राज्य में शांति, सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं: उद्धव ने दुबे पर किया कटाक्ष
08-Jul-2025 10:00 AM
ऐसे ‘लकड़बग्घे’ राज्य में शांति, सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं: उद्धव ने दुबे पर किया कटाक्ष

मुंबई, 7 जुलाई। शिवसेना (उबाठा) के नेता उद्धव ठाकरे ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की उस विवादित टिप्पणी को लेकर निशाना साधते हुए उन्हें ‘‘लकड़बग्घा’’ करार दिया, जिसमें उन्होंने मराठी-हिंदी विवाद के बीच कथित तौर पर कहा था कि ‘‘पटक पटक के मारेंगे।’’

ठाकरे ने आरोप लगाया कि दुबे लोगों को बांटकर आपसी सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

उद्धव ने भाजपा पर ‘‘फूट डालो और राज करो की नीति’’ के जरिये राजनीतिक लाभ हासिल करने का प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि वह किसी भी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन बलपूर्वक इसे थोपे जाने का विरोध करेंगे।

उन्होंने विधान भवन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा की हमेशा से फूट डालो और राज करो की नीति रही है। राजनीति की यह शैली अब अपनी प्रासंगिकता खो रही है। मैं समझ सकता हूं कि शनिवार को मुंबई में हमारी रैली की सफलता से उनकी पार्टी बेचैन है या नहीं।’’

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) द्वारा मराठी न बोलने पर एक दुकानदार की पिटाई करने पर मचे आक्रोश के बीच दुबे ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे और उनके चचेरे भाई उद्धव पर निशाना साधते हुए कथित तौर पर कहा था, ‘‘पटक पटक के मारेंगे।’’

उनके इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया।

गोड्डा के सांसद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हिंदी भाषी लोगों को मुंबई में मारने वाले यदि हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मार कर दिखाओ। अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है? कौन कुत्ता कौन शेर खुद ही फ़ैसला कर लो।’’

उद्धव ने मराठी लोगों को निशाना बनाने वाली दुबे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘ऐसे ‘लकड़बग्घे’ राज्य में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उनका (भाजपा नेताओं का) एकमात्र काम लोगों को भड़काना है। हम किसी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम किसी भी भाषा को थोपने के लिए बल प्रयोग का विरोध करते हैं।’’

उन्होंने भाजपा के राज्य मंत्री आशीष शेलार की गैर-मराठी भाषियों के खिलाफ हालिया हिंसा की तुलना पहलगाम आतंकवादी हमले से करने के लिए आलोचना की।

उद्धव ने कहा, ‘‘ये लोग महाराष्ट्र और मराठी भाषा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। मराठी अधिकारों के लिए आंदोलन करने वालों की तुलना आतंकवादियों से करना इस बात का सबूत है कि वे महाराष्ट्र और मराठी लोगों के खिलाफ हैं।’’ (भाषा)


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